पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री को अदालत ने हाल में ही इद्दत मामले में जमानत दी थी। लेकिन तोशाखाना मामले में उनके ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके चलते उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। इस बीच स्थानीय मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तरार ने बड़ी बात कही है। उन्होंने दावा किया कि पूर्व की इमरान सरकार के दौरान पाकिस्तान में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया गया।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तरार ने इस साल 9 मई को हुई दंगों के लिए इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि पीटीआई की सरकार के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ पाकिस्तान के समझौते को विफल करने के प्रयास किए। तरार दावा किया कि ऐसा करके पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने देश के साथ खिलवाड़ किया है। ऐसे में सरकार ने पीटीआई पर पूरी तरह बैन लगाने का निर्णय लिया है।
दरअसल, पाकिस्तान के न्यूज प्लेटफॉर्म आधारित दैनिक डॉन ने रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान को लाहौर पुलिस ने 9 मई के दंगों के मामले में उनके खिलाफ मामलों के सिलसिले में ‘गिरफ्तार’ कर लिया था, जब राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने पाकिस्तान के तोशाखाना मामले में उनकी आठ दिन की रिमांड हासिल कर ली थी। डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 13 सदस्यों वाली लाहौर पुलिस की जांच टीम ने इमरान खान से इस्लामाबाद हाई कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी के बाद 9 मई को हुई हिंसा के संबंध में पूछताछ करने गई थी। उस वक्त इमरान खान ने पुलिस टीम से मिलने से इनकार कर दिया।
वहीं 9 मई को हुए दंगों में इमरान को सरकार के खिलाफ जनता को भड़काने का दोषी ठहराया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने 9 मई के दंगों के सिलसिले में शहर भर में दर्ज 16 मामलों में से 12 में पीटीआई संस्थापक को गिरफ्तार किया।