लोकसभा चुनावों में बीजेपी की सीटें घटने की चर्चा हर तरफ रही. NDA में पहली बार बीजेपी ने बहुमत हासिल न करके, गठबंधन सरकार बनाई. विधानसभा उपचुनाव की 13 सीटों में से दो पर ही बीजेपी जीत पाई. राज्यसभा में भी भाजपा की ताकत घटी.
अब बीजेपी के पास 86 और कुल एनडीए के पास 101 की तादाद है. इस सबके बावजूद भी BJP की स्थिति मजबूत है, समझिए कैसे.
क्यों घटी भाजपा की ताकत
राज्यसभा में बीजेपी के चार मनोनीत सदस्य- राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी 13 जुलाई को रिटायर हुए. जो रियाटर हुए वहऔपचारिक रूप से बीजेपी से जुड़ गए हैं. सभी के मनोनीत होने के बाद भी राज्यसभा में कुल 19 सीटें खाली हैं. राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 226 हैं. बता दें कि राज्यसभा में कानून पास करवाने के लिए संख्या बल होना जरूरी है. जो कि बीजेपी के पास अभी भी है. मनोनीत कैटेगरी में राज्यसभा सदस्य गुलाम अली भी शामिल हैं, वह भी बीजेपी का हिस्सा हैं.
राज्यसभा में खाली 19 सीटें कहां-कहां की
-जम्मू-कश्मीर और मनोनीत कैटेगरी से चार-चार (8)
-असम, बिहार और महाराष्ट्र से दो-दो और (6)
-हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा से एक-एक (5).
एनडीए के पास किस-किसका साथ
नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस के पास 11 दलों का समर्थन है. जिसमें 7 गैर-राजनीतिक मनोनीत सदस्य, 2 निर्दलीय और AIDMK, YSRCP का साथ है. इस तरह से बीजेपी के पास बल तो है, लेकिन वह दूसरों पर निर्भर, अपने ऊपर निर्भर होने के लिए मनोनीत कैटेगरी में खाली पदों को भरना होगा.
कानून पारित कराने में कितनों का साथ जरूरी
राज्यसभा के सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं, वह ऐसा सरकार की सिफारिश पर करते हैं. 12 सदस्यों को मनोनीत करते हैं. वर्तमान में सदन में 12 में से 7 गैर-राजनीतिक है. वे बीजेपी का हिस्सा नहीं हैं. बता दें कि गैर-राजनीतिक सदस्य भी कानून पारित कराने में सरकार का ही साथ देते हैं.