BCCI Cash Prize: हाल ही में बीसीसीआई ने टी-20 विश्व कप विजेता टीम को 125 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी है। लेकिन अब दो इस पर 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य की एक प्रतिक्रिया सामने आई है।
1983 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने बीसीसीआई से कपिल देव की अगुवाई वाली टीम के लिए भी नकद पुरस्कार की घोषणा करने की मांग की है जिसने 1983 में देश को गौरवान्वित किया।
कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1983 विश्व कप के फाइनल में दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराया था। 60 ओवर में 183 रन बनाने के बाद भारतीय गेंदबाजों ने लक्ष्य का बचाव करते हुए शानदार प्रदर्शन किया। मदन लाल और मोहिंदर अमरनाथ ने तीन-तीन विकेट चटकाए और मजबूत वेस्टइंडीज को 140 रन पर समेट दिया। इस जीत ने न केवल भारत को चैंपियन बनाया बल्कि विश्व क्रिकेट में उसके आगमन की घोषणा भी की।
बीसीसीआई के पास तब नहीं था पैसा
रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम से तुलना करते हुए इस अनुभवी क्रिकेटर ने कहा कि 1983 की खिताब जीतने वाली टीम को उस समय कोई पुरस्कार नहीं दिया गया था क्योंकि बीसीसीआई ने तब कहा था कि उनके पास ‘पैसे नहीं हैं’ लेकिन बोर्ड अब पुरस्कार राशि की घोषणा कर सकता है क्योंकि अब उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है।
नाम न बताने की शर्त पर की मांग
1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के एक सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, “125 करोड़ रुपये बहुत बड़ी रकम है। टीम इंडिया के लिए खुशी की बात है। उस समय (1983 विश्व कप जीत के बाद) हमें नकद पुरस्कार नहीं दिए गए थे, क्योंकि बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा था कि ‘हमारे पास पैसा नहीं है।
अब बीसीसीआई को क्या रोक रहा है?
अब वे दे सकते हैं, उन्हें अब क्या रोक रहा है? उन्होंने उस समय टीम का हिस्सा रहे खिलाड़ियों के बारे में कहा कि केवल कुछ खिलाड़ियों (उस टीम के) को काम मिल रहा है, बाकी संघर्ष कर रहे हैं। बीसीसीआई को इस पर गौर करना चाहिए।”
उस समय मिला था नाममात्र का पुरस्कार
उस वक्त 1983 विश्व कप जीतने वाले खिलाड़ियों को बीसीसीआई की ओर से 25-25 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया गया था। जब दिवंगत गायिका लता मंगेशकर को कम पुरस्कार राशि के बारे में पता चला, तो उन्होंने दिल्ली में एक संगीत कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को एक-एक लाख रुपए की राशि दी गई।