अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने वाली भाषा बढ़ रही है। अल्पसंख्यकों के घर और उनके प्रार्थना स्थल को तोड़ने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2023 को जारी किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यकों के प्रति पूर्वाग्रह बढ़ गया है। गौर करने वाली बात है कि अमेरिका के कई संगठन जो धार्मिक स्वतंत्रता पर नजर रखते हैं, वो मांग कर रहे हैं कि भारत को इस सूचि में शामिल किया जाए। हालांकि अमेरिकी प्रशासन इसे लगातार टालता रहा है।
अमेरिका के विदेशी विभाग के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले एक वर्ष से अमेरिकी अधिकारी लगातार अपने भारतीय समकक्षों से धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि भारत में हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण, उनके घरों और प्रार्थना स्थल को विध्वंश करने वाली घटनाओं में लगातार वृद्धि देख रहे हैं, जोकि चिंताजनक है।
इस रिपोर्ट में मुंबई के पास ट्रेन में तीन मुस्लिम युवकों को गोली मारे जाने की घटना का जिक्र किया गया है। हालांकि अभी तक भारत के दूतावास की ओर से इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। लेकिन भारत सरकार शुरुआत से अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव से इनकार करती आई है।
विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में मणिपुर की हिंसा का जिक्र किया गया है। मणिपुर में पिछले वर्ष मई माह में अल्पसंख्यकों, कूकी, मैतेई समुदाय के बीच हिंसा भड़क गई थी।
इन घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि मणिपुर में हिंदू, क्रिश्चियन के प्रार्थना स्थल को तोड़ा गया। 250 चर्च को तोड़ने का भी जिक्र किया गया है। हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जान गई, जबकि 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए।