लोकसभा चुनाव हारने वाले पूर्व सांसदों को लुटियंस बंगला जोन से अपना सरकारी घर खाली करना होगा. 17वीं लोकसभा के जो सांसद 18वीं लोकसभा का चुनाव नहीं जीत सके हैं, ऐसे पूर्व सांसदों को लोकसभा की हाउस समिति ने नोटिस जारी किया है.
इसमें कहा गया है कि उन्हें एक महीने में सरकारी घर खाली करना होगा. जानकारी के मुताबिक पूर्व सांसदों को 5 जुलाई और पूर्व मंत्रियों को 11 जुलाई तक सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया गया है.
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार 2.0 के 17 केंद्रीय मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा था, मंत्रियों के पास 11 जुलाई तक बंगला खाली करने का समय है. इस बाबत उन्हें नोटिस भी जारी किया गया है. इन मंत्रियों में आरके सिंह, अर्जुन मुंडा, महेंद्रनाथ पांडेय, स्मृति ईरानी, संजीव बालियान, राजीव चंद्रशेखर, कैलाश चौधरी, अजय मिश्रा टेनी, वी मुरलीधरन, निशित प्रामाणिक, सुभाष सरकार, साध्वी निरंजन ज्योति, रावसाहेब दानवे, कौशल किशोर, भानुप्रताप वर्मा, कपिल पाटिल, भगवंत खुबा, भारती पवार का नाम शामिल है.
नियम के मुताबिक लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर सरकारी घर खाली करना होता है. राष्ट्रपति ने 5 जून को सत्रहवीं लोकसभा भंग कर दी थी, ऐसे में पूर्व सांसदों के पास अपने सरकारी घर को खाली करने के लिए केवल 5 जुलाई तक का ही समय है.
अगर बात पशुपति पारस की करें तो उन्होंने नाराज होकर पिछली सरकार से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन वे अभी भी सरकारी बंगले में काबिज हैं. हालांकि बाद में उनकी नाराजगी दूर हो गई थी और उन्होंने बीजेपी का समर्थन करने का फैसला किया था.