जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर अहम सुनवाई हो रही है।कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर राउज ऐवेन्यू कोर्ट में जज न्याय बिंदु की अवकाशकालीन बेंच के सामने दलीलें रखी जा रही हैं।
केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। अरविंद केजरीवाल को इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी।
अरविंद केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला लंबित है। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अंतरिम जमानत दी और 17 मई को कहा कि वह नियमित जमानत के लिए आवेदन दे सकते हैं।’
चौधरी ने कहा- 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की। 22 अगस्त को ईडी ने ईसीआईआर दर्ज की। कई चार्जशीट दायर की गई। किसी में मुझे आरोपी नहीं बनाया गया था। आज भी मैं सीबीआई केस में आरोपी नहीं। पीएमएल केस में 2 नवंबर 2023 को मुझे पहली बार समन भेजा गया था। मैंने पूछा था कि मुझे किस रूप में बुला रहे हैं, गवाह या संदिग्ध, व्यक्तिगत क्षमात में या मुख्यमंत्री या आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में?
चौधरी ने आगे कहा कि दूसरा समन डेढ़ महीने बाद भेजा गया। उन्होंने कहा, ‘मैं स्पेशल स्टेटस नहीं मांग रहा हूं लेकिन यह ना भूलें कि संवैधानिक पदाधिकारी को बुला रहे हैं। कम से कम कुर्सी का सम्मान होना चाहिए।’ चौधरी ने कहा कि उन्होंने जनवरी 2024 में यह भी कहा था कि सवालों की सूची हो तो भेज दें, वह जवाब देंगे।
केजरीवाल की ओर से यह भी कहा गया कि 16 मार्च को चुनावों की घोषणा हुई और उसी दिन एक और समन भेज दिया गया। उन्होंने कहा, ‘मैंने 19 मार्च को हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया और तीन सप्ताह में जवाब मांगा। 21 मार्च को आवेदन हाई कोर्ट के सामने आया। हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत से इनकार किया लेकिन नोटिस जारी किया। यह दोपहर में हुआ लेकिन शाम को करीब 5 बजे, सूरज अस्त होने के बाद ईडी मेरे घर में घुसी और गिरफ्तार कर लिया।’
केजरीवाल की ओर से कहा गया, ‘मैंने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी। हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। मुझे सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। मैंने इसे बढ़ाने की मांग की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कारिज कर दिया। मैं यहां अतंरिम जमानत के लिए आया और उसे भी खारिज कर दिया गया।’
केजरीवाल ने कहा कि पूरा केस उन लोगों के बयानों पर आधारित है जो दागदार हैं और यह भी लगता है कि उन्हें गिरफ्तारी के बाद जमानत का वादा दिया गया था। उनसे माफी का वादा किया गया था। वे संत नहीं है। इन लोगों को लालच दिया गया। इन लोगों की विश्वसनीयता पर सवाल है।
केजरीवाल की तरफ से गिरफ्तारी की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया गया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के लिए चुनाव का इंतजार किया गया। केजरीवाल ने यह भी कहा कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं उनकी जांच सीबीआई को करनी चाहिए ईडी को नहीं। चौधरी ने कहा, ‘जो भी आरोप मुझ पर लगाए गए हैं वे सीबीआई केस के लगते हैं, पीएमएलए के नहीं। वे मेरे कंडक्ट पर सवाल उठा रहे हैं यदि मेरा आचरण खराब है तो यह सीबीआई तय करेगी, ईडी केवल मनी लॉन्ड्रिंग में भूमिका की जांच कर सकती है।’
चौधरी ने शरद रेड्डी की गवाही का जिक्र करते हुए कहा कि पीठ दर्द के आधार पर ही उसे जमानत दे दी गई। उन्होंने कहा कि रेड्डी ने गिरफ्तारी के बाद 11 बयान दिए थे, तब केजरीवाल नाम नहीं लिया था। अंतरिम जमानत के बाद आरोप लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि रेड्डी ने सत्ताधारी पार्टी के लिए 50 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। अब वह एनडीए का हिस्सा है। केजरीवाल ने कहा कि कोई मनी ट्रेल नहीं मिला है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि साउथ ग्रुप से पैसा आया।
केजरीवाल की तरफ से चौधरी ने कहा, ‘इसमें कोई कैमरे की रिकॉर्डिंग या लेनदेन वाला पैसा नहीं है। सबकुछ बयानों में है। मुझे हैरानी नहीं होगी कि यदि कुछ और बयान आ जाएं। यह जांच कभी खत्म नहीं होगी। यह हमेशा चलती रहेगी। यह उत्पीड़न का हथियार है।’ केजरीवाल ने अपने स्वास्थ्य का भी हवाला दिया।
ईडी ने क्या दीं दलीलें
ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल को आरोपी के रूप में अभी तक नहीं बुलाया गया है, लेकिन आरोपपत्र दायर किया जा चुका है।