PM Modi Cabinet Portfolio 2024: नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। अपनी हैट्रिक के साथ मोदी ने जवाहरलाल नेहरू की बराबरी कर ली है। मोदी के तीसरे कार्यकाल को और भी धांसू बनाने के लिए 71 केंद्रीय मंत्रियों की टोली भी तैयार हो चुकी है।
इसमें खास बात यह रही कि इस बार मोदी सरकार के मंत्रियों की सूची में कुछ ऐसे मंत्री हैं, जो कभी पूर्व आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर रहे हैं। जिन्होंने अपने सेवा कार्य से देश के हित में अहम योगदान दिया है। आइए जानते हैं कौन हैं ये मंत्री और इनके पास कौन सा मंत्रालय?…
1- अश्विनी वैष्णव(1994 बैच के IAS अफसर)
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की कैबिनेट में रेल मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय दिया गया। इनका जन्म राजस्थान के जोधपुर में 18 जुलाई 1970 को हुआ। भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर ओडिशा से राज्यसभा के लिए चुने गए। इनके करियर की शुरुआत 1977 में एक भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी के रूप में हुई।
एजुकेशन बैकग्राउंड
अश्विनी वैष्णव ने IIT कानपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
व्हार्टन बिजनेस स्कूल, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से एमबीए किया है।
प्रशासनिक करियर:
अश्विनी वैष्णव भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1994 बैच के अधिकारी रहे हैं। उन्होंने ओडिशा कैडर में अपनी सेवाएं दी हैं और कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है।
बलांगिर और कटक जिले में कलेक्टर के रूप में सेवा दी।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO): यहां भी सेवाएं दी, जहां वे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सचिवालय का हिस्सा थे।
कैसा रहा राजनीतिक सफर?
2019: भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर ओडिशा से राज्यसभा के लिए चुने गए।
2021: नरेंद्र मोदी सरकार में रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की कैबिनेट में रेल मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय दिया गया।
Modi Cabinet Portfolio: मोदी कैबिनेट में किसके पास कौन सा मंत्रालय? जानें पूरा डिटेल
2- एस जयशंकर(1977 में IFS अफसर)
नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भी डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर को विदेश मंत्रालय ही दिया गया। इनके करियर की शुरुआत 1977 में एक भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी के रूप में हुई और बाद में वे राजनीति में प्रवेश कर गए। इनका जन्म 9 जनवरी 1955 में नई दिल्ली में हुआ था। उनके पिता के. सुब्रह्मण्यम एक प्रसिद्ध रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ थे और भारत के रक्षा नीति के विशेषज्ञों में से एक थे। उनकी माता का नाम सुलोचना सुब्रह्मण्यम था। उनका परिवार विद्युत और शिक्षित रहा है, जिससे उन्हें एक सुदृढ़ शैक्षणिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि मिली।
एजुकेशन बैकग्राउंड
सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से राजनीतिक विज्ञान में एमए।
जेएनयू से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की डिग्री।
कैसा रहा राजनीतिक सफर?
सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया।
चीन में भारतीय राजदूत भी रहे।
अमेरिका में भारतीय राजदूत के रूप में सेवाएं दी।
2015 से 2018 तक भारत के विदेश सचिव के रूप में कार्य किया।
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3- अर्जुन राम मेघवाल के बारे में जानें
मोदी सरकार 3.0 में अर्जुन राम मेघवाल को भी केंद्रीय मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इनको कानून एवं न्याय मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया। राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक सरकारी अधिकारी के रूप में सेवाएं दी हैं और फिर राजनीति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अर्जुन राम मेघवाल भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी थे। चूरू जिला कलेक्टर समेत कई पदों पर सेवाएं दीं। अर्जुन राम मेघवाल का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम हीरा देवी मेघवाल और लखू राम मेघवाल था।
एजुकेशन बैकग्राउंड
अर्जुन राम मेघवाल ने बीकानेर के डी.एन. कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की।
साल 1977 में एलएलबी व साल 1979 में एलएलएम की डिग्री ली।
फिलिपिन्स विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की।
राजनीतिक करियर:
2009, 2014 और 2019: बीकानेर से लोकसभा सांसद के रूप में चुने गए।
05 जून 2024-18 मई 2023: विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
05 जून 2024-3 सितंबर 2017: संसदीय कार्य राज्य मंत्री
7 जुलाई 2021-30 मई 2019: भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री
3 सितंबर 2017-5 जुलाई 2016: वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री
3 सितंबर 2017-5 जुलाई 2016: जल संसाधन राज्य मंत्री
4- हरदीप सिंह पुरी(1974 में IFS)
नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की कैबिनेट में हरदीप सिंह पुरी का जगह मिली है। इनको पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय दिया गया है। हरदीप सिंह पुरी एक अनुभवी राजनयिक और प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं और बाद में राजनीति में प्रवेश किया। खास बात यह है कि हरदीप सिंह पुरी 1974 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं।
एजुकेशन बैकग्राउंड
दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
प्रशासनिक करियर:
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे।
ब्राजील और ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त के रूप में सेवाएं दी।
विदेश मंत्रालय और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर सेवाएं दी हैं।
कैसा रहा राजनीतिक सफर?
हरदीप सिंह पुरी ने 2014 में बीजेपी में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश किया। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद चुने गए।
नरेंद्र मोदी सरकार में आवास और शहरी मामलों के मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्री, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री के रूप में सेवाएं दे चुके हैं।