Lok Sabha elections, Punjab: देश में लोकसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं। 4 जून को मतगणना के बाद ये साफ हो जाएगा कि केंद्र में किसकी सरकार बनेगी। लेकिन संभव है कि पंजाब में मतगणना के बाद चुनाव आयोग को एक दर्जन सीटों पर उपचुनाव कराने पड़ें।
ऐसा इसलिए है क्योंकि पंजाब में विभिन्न दलों ने एक दर्जन मौजूदा विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उतारा था। 12 ऐसे मौजूदा विधायकों में से 5 तो भगवंत मान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
यदि सभी 12 विधायक चुनाव जीत जाते हैं, तो राज्य में 12 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने होंगे। आम आदमी पार्टी ने 8 विधायकों को मैदान में उतारा है जिसमें से 5 मंत्री हैं। कांग्रेस ने भी तीन विधायकों को मैदान में उतारा है। पांच कैबिनेट मंत्रियों में पटियाला (ग्रामीण) से विधायक डॉ. बलबीर सिंह, लांबी से विधायक गुरमीत सिंह खुड्डियां, पट्टी से विधायक लालजीत सिंह भुल्लर, अजनाला से विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल, बरनाला से विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर शामिल हैं। इन नेताओं ने क्रमशः पटियाला, बठिंडा, खडूर साहिब, अमृतसर और संगरूर से चुनाव लड़ा है।
आप के तीन मौजूदा विधायकों में लुधियाना (मध्य) से अशोक पाराशर पप्पी ने लुधियाना से, बटाला से विधायक अमनशेर सिंह शेरी कलसी ने गुरदासपुर से, मुक्तसर से विधायक जगदीप सिंह काका बराड़ ने फिरोजपुर से चुनाव लड़ा। मौजूदा कांग्रेस विधायक डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, जो आप में शामिल हो गए, होशियारपुर से चुनाव लड़े। कांग्रेस ने डेरा बाबा नानक के विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा को गुरदासपुर से, भोलाथ के विधायक सुखपाल खैरा को संगरूर से और गिद्दड़बाहा के मौजूदा विधायक राजा वारिंग को लुधियाना से चुनाव मैदान में उतारा है।
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में आप ने स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह को पटियाला लोकसभा सीट से, कृषि मंत्री गुरुमीत सिंह खुड्डियां को बठिंडा से, परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को खडूर साहिब से, एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को अमृतसर से और खेल मंत्री गुरुमीत सिंह मीत हेयर को संगरूर संसदीय सीट से मैदान में उतारा था।
जालंधर (पश्चिम) से आप के एक अन्य विधायक शीतल अंगुराल ने भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए विधानसभा और आप से इस्तीफा दे दिया था। अब उन्होंने स्पीकर कुलतार संधवान को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें अपना इस्तीफा वापस लेने की इजाजत दी जाए। हालांकि, उनके इस्तीफे के मुद्दे पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। अगर स्पीकर ने नाम वापसी की इजाजत नहीं दी तो उनके क्षेत्र में भी उपचुनाव होगा।