भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मेडिकल जांच के लिए मेडिकल वैन और डॉक्टर्स लेकर उनके घर के लिए निकले। इस दौरान गोयल ने कहा कि केजरीवाल बीमारियों का बहाना बनाकर अपने लिए अंतरिम जमानत बढ़वाना चाहते हैं।
गोयल ने आरोप लगाया कि केजरीवाल लोगों की सहानुभूति पाने के लिए अपने स्वास्थ्य मुद्दों का हवाला देकर नौटंकी कर रहे हैं।
भाजपा नेता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी और इसी के चलते बीते 21 दिनों से वे देशभर में घूम रहे हैं, इस दौरान उन्हें किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई, लेकिन जैसे ही जेल जाने का समय निकट आया, उन्हें तमाम तरह की बीमारियों का डर सताने लगा। इसलिए मैं उनकी जांच के लिए मेडिकल टीम और मेडिकल वैन साथ लेकर जा रहा हूं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह एंबुलेंस केजरीवाल को ऐसी किसी भी अस्पताल में ले जाने के लिए है, जहां दो से चार घंटे के अंदर उसके सारे परीक्षण हो सकें। पूर्व केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री को अपने स्वास्थ्य की चिंता है तो उन्हें नौटंकी बंद करना चाहिए तथा जांच कराने के लिए उनके साथ चलना चाहिए।’ हालांकि पुलिस ने मेडिकल वैन और गोयल को सिविल लाइंस क्षेत्र स्थित मुख्यमंत्री निवास पहुंचने से पहले रोक दिया।
विजय गोयल ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें प्रचार के लिए 21 दिन की मोहलत दी। वो कहते थे मेरा 7 किलो वजन कम हो गया, लेकिन पूरे 21 दिन के प्रचार में ना उनको 7 किलो वजन की याद आई, ना किडनी की याद आई, ना कैंसर की याद आई, ना कीटोन की याद आई, ना यूरिन की याद आई, ना शुगर की याद आई, जैसे ही 21 दिन खत्म हुए, कहने लगे कि हाय मुझे इलाज के लिए 7 दिन और दिए जाएं। तो मैं मेडिकल वैन और डॉक्टर लेकर आया हूं, चलिए दो दिन से प्रचार बंद है, केजरीवाल जी आपका इलाज करवाते हैं, आपके सारे टेस्ट चार घंटे में हो जाएंगे। लेकिन इस नाटक को बंद करिए।’
विजय गोयल ने आगे कहा, ‘सबके घरों में बूढ़े मां-बाप हैं, उनके बच्चे, उनकी पत्नी देखभाल करते हैं, अगर आपको इतनी चिंता थी तो शराब का घोटाला नहीं करना था, अगर आपको इतनी चिंता थी तो 21 दिन आप अपने मां-बाप के साथ बैठते। वो चिंता आपने नहीं करी, आप सिर्फ मोदीजी को गाली देते रहे, गुंडा और तानाशाह कहते रहे। आप स्वाति मालीवाल की पिटाई करवाते रहे, आप गर्मी में जीपों में प्रचार करते रहे। तब तक आपको स्वास्थ्य की चिंता नहीं थी। जेल जाने की बात आई तो आप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं, सहानुभूति लेने के लिए कि हाय मैं तो मर रहा हूं। ये सारी बीमारियां मुझे भी हैं, किंतु मैं तो अपनी बीमारियों का रोना नहीं रोता उसका इलाज करवाता हूं, आप भी जाइये, उसका इलाज करवाइये, मेडिकल वैन खड़ी है, हमारे साथ आइये।’
दरअसल केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत की अवधि एक हफ्ता बढ़ाने के लिए 26 मई को इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था कि उन्हें पीईटी-सीटी स्कैन समेत कुछ मेडिकल टेस्ट्स करवाने हैं। उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि जेल में उनका वजन 7 किलोग्राम घट गया और उनका कीटोन स्तर भी बहुत अधिक है, जे कि गंभीर बीमार का संकेत हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी, ताकि वह लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी का प्रचार कर सकें। केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि केजरीवाल आखिरी चरण के चुनाव के एक दिन बाद दो जून को आत्मसमर्पण करेंगे।