केरल सरकार ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के दावे को खारिज कर दिया। जिसमें कर्नाटक उपमुख्यमंत्री ने दावा किया था कि मंदिर में अनुष्ठान में पशुओं की बलि दी गई थी। शनिवार को केरल सरकार ने दोहराते हुए कहा कि राज्य के उत्तरी हिस्से में किसी मंदिर के पास किसी पशु की बलि नहीं दी गई।
केरल के मंत्री के राधाकृष्णन ने कहा कि शिवकुमार ने सीएम सिद्धारमैया और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर राज्य के कन्नूर जिले के तलिपरम्बा में राजराजेश्वर मंदिर के पास पशु बलि देने का आरोप लगाया है।
उनकी यह टिप्पणी बृहस्पतिवार को कर्नाटक उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के आरोप के बाद आई। कर्नाटक उपमुख्यमंत्री ने दावा किया था कि केरल के एक मंदिर में “शत्रु भैरवी यज्ञ” नामक अनुष्ठान किया गया था। इस अनुष्ठान में पशुओं की बलि भी दी गई। उन्होंने सिद्धारमैया और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था। हालांकि यह आरोप किसी का नाम बताए बिना लगाया था। उन्होंने कहा था कि कर्नाटक में कुछ राजनीतिक लोग यह अनुष्ठान को करवा रहे हैं। इसके लिए ‘अघोरियों’ (तपस्वी शैव साधुओं का मठवासी संप्रदाय) से सलाह ली जा रही है।
केरल सरकार के मंत्री ने कहा कि हमने दावे की जांच की और मालाबार देवस्वोम बोर्ड से भी संपर्क किया। हमें जो प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है, उसमें कहा गया है कि मंदिर में या उसके आसपास ऐसा कुछ नहीं हुआ है। देवस्वोम बोर्ड ने भी इसकी पुष्टि की है।”
उन्होंने कहा कि अब इस बात की जांच की जानी चाहिए कि शिवकुमार ने ऐसा आरोप क्यों लगाया। राधाकृष्णन ने बताया कि सरकार इस बात की जांच कर रही है कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार केरल में कहीं और भी ऐसा कुछ हुआ है या नहीं। हालांकि शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार राज्य में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। क्योंकि 1968 से ही पशु बलि पर कानूनी प्रतिबंध है और इसलिए केरल में ऐसा होना संभव नहीं है।
शुक्रवार को संबंधित मंदिर की प्रबंध समिति ने भी शिवकुमार के आरोपों का खंडन किया और उनके दावों को शत् प्रतिशत झूठा बताया था। विशेष शाखा ने राज्य पुलिस प्रमुख को एक रिपोर्ट भी दी जिसमें कहा गया कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने दावा किया। अनुसार केरल में किसी मंदिर के पास पशु बलि होने का कोई सबूत नहीं है।