दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली में पानी के संकट के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार को दोषी ठहराए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने उन पर पलटवार किया है। एलजी ने दिल्ली सरकार पर लोगों के साथ “ओच्छी और गंदी राजनीति” करने का आरोप लगाया था।
एलजी के आरोपों के जवाब में ‘आप’ ने कहा कि वह एक “बाहरी व्यक्ति” हैं, जिन्हें लोगों के भलाई में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसके साथ ही ‘आप’ ने यह भी कहा कि पार्टी को हर मुद्दे पर उनसे लड़ना जरूरी नहीं लगता। बता दें कि, इन दिनों बढ़ते तापमान के बीच दिल्ली गंभीर जल संकट से जूझ रही है।
‘आप’ ने बयान में कहा, “दिल्ली के उपराज्यपाल एक बार फिर दिल्ली के लोगों के साथ ओच्छी और गंदी राजनीति कर रहे हैं। हर बार जब दिल्ली संकट का सामना करती है, तो केवल केजरीवाल सरकार ही समाधान ढूंढती है, जबकि उपराज्यपाल गंदी राजनीति करने लगते हैं। यह स्पष्ट है कि वह एक बाहरी व्यक्ति हैं, जिन्हें दिल्ली या दिल्लीवासियों के कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम हर मुद्दे पर उनसे लड़ना जरूरी या उचित नहीं समझते।”
सौरभ भारद्वाज ने कविता के जरिये बिना नाम लिए एलजी पर कसा तंज
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी बिना नाम लिए कविता की कुछ लाइनों के जरिये दिल्ली के उपराज्यपाल पर हमला बोला। ‘आप’ नेता ने अपने पोस्ट में वीके सक्सेना पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें दिल्ली के पिछले दो उपराज्यपालों से भी ज्यादा बदनामी मिल रही है। भारद्वाज ने ‘एक्स ‘पर पोस्ट किया, ”चेहरा साफ करने से भी तुम साफ ना दिखोगे, किरदार अच्छा करोगे तभी याद रहोगे, नौकरी है ऐसी, काम रोकना तुम्हारा काम, पहले दो से भी ज्यादा तुम हो रहे बदनाम।”
इससे पहले, उपराज्यपाल सक्सेना ने एक वीडियो बयान में मिर्जा गालिब का 200 साल पुराना शेर “उमर भर गालिब यही भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा” सुनाया और मौजूदा स्थिति के लिए अन्य राज्यों को दोषी ठहराने को लेकर दिल्ली सरकार की आलोचना की।
एलजी ने जल संकट के लिए दिल्ली सरकार को ठहराय जिम्मेदार
एलजी ने राजधानी में जल संकट को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पिछले 10 सालों में अपनी “अक्षमता” और “निष्क्रियता” के लिए दूसरों पर दोष मढ़ना इस सरकार की आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि लोग अपनी जान जोखिम में डालकर पानी लाने के लिए टैंकरों के पीछे भागते नजर आते हैं, लेकिन सरकार अपनी विफलताओं के लिए दूसरे राज्यों को दोषी ठहरा रही है। सक्सेना ने आगे कहा कि पानी की पूरी कमी केवल दिल्ली सरकार के प्रबंधन के कारण है। एलजी सक्सेना ने एक बयान में कहा, “पिछले कुछ दिनों से हम दिल्ली में जल संकट के प्रति दिल्ली सरकार के गैरजिम्मेदाराना रवैये को देख सकते हैं। आज दिल्ली में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर पानी लाने के लिए टैंकरों के पीछे भागते नजर आ रहे हैं, लेकिन सरकार अपनी विफलताओं के लिए दूसरे राज्यों को दोषी ठहरा रही है। दिल्ली में 24 घंटे पानी की आपूर्ति का मुख्यमंत्री का वादा अब तक एक छलावा साबित हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्य दिल्ली को अपने निर्धारित कोटे का पानी लगातार दे रहे हैं, जबकि उन्होंने कहा कि कमी के पीछे सबसे बड़ा कारण बेहिसाब पानी और “पुरानी और जीर्ण पाइपलाइनों” के माध्यम से पानी की आपूर्ति है। सक्सेना ने कहा कि ‘आप’ सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद पुरानी पाइपलाइनों की मरम्मत या बदला नहीं जा सका और न ही नई पाइपें बिछाई गईं।