Narendra Modi Kanyakumari: देश में दूसरी बार सबसे लंबा चलने वाला लोकतंत्र का महापर्व 2024 अंतिम पड़ाव पर है। आज चुनावी शोर पूरे देश में थम जाएगा। इस लोकतंत्र के महापर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 दिनों तक घोर साधना की है।
अब चुनाव प्रचार का शोर थमते ही प्रधानमंत्री मोदी साधना में लीन हो जाएंगे। अगले 3 दिन तक पीएम मोदी सागर की लहरों के एकांत में रहेंगे और आध्यात्मिक चेतना में ऊर्जा भरने की पूरी कोशिश होगी।
बीजेपी नेताओं के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक कन्याकुमारी के ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे। ये वो स्थान है जहां आध्यात्मिक प्रतीक विवेकानंद को ज्ञान प्राप्त हुआ था और यहीं उन्हें भारत माता के बारे में दिव्य दर्शन हुए थे। अभी नरेंद्र मोदी ‘ध्यान मग्न’ होने वाले हैं, लेकिन इससे विरोधियों का चैन उड़ चुका है। पीएम मोदी के ‘ध्यान’ को लेकर राजनीतिक घमासान चलने लगा है। कांग्रेस और टीएमसी जैसे INDI गठबंधन के नेताओं को इससे भी नुकसान का भारी डर सताने लगा है।
ममता बनर्जी ने दी धमकी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव आयोग में जाने की धमकी दे रही हैं। ममता बनर्जी कहती हैं कि अगर प्रधानमंत्री मोदी का कन्याकुमारी में ध्यान का प्रसारण किया गया तो तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग से शिकायत करेगी। ममता का आरोप है कि ये आचार संहिता का उल्लंघन होगा।
कांग्रेस को सता रहा नुकसान का डर!
नरेंद्र मोदी की ‘ध्यान साधना’ से कांग्रेस को बड़े नुकसान का डर हो सकता है। शायद इसीलिए पीएम मोदी के कन्याकुमारी दौरे को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आपत्ति जताई कि प्रधानमंत्री 48 घंटे की मौन अवधि के दौरान ‘मौन व्रत’ रख रहे हैं, जब किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मौन व्रत आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा।
हमने चुनाव आयोग के सामने दो मांगें रखी हैं। पहली ये कि पीएम मोदी अपना मौन व्रत चुनाव अवधि से 24 या 48 घंटे बाद शुरू करें। एक जून के बाद से वो किसी भी तरह का आध्यात्मिक मौन व्रत कर सकते हैं, अगर वो चाहें तो। दूसरी ये कि अगर प्रधानमंत्री 30 मई से मौन व्रत शुरू करते हैं कि इसके मीडिया प्रसारण पर रोक होनी चाहिए। सिंघवी का कहना है कि ये या तो प्रचार जारी रखने या फिर खुद को सुर्खियों में बनाए रखने के हथकंडे हैं।