British Journalist on India’s Growth: लोकसभा चुनाव को कवर करने दिल्ली पहुंचे ब्रिटिश पत्रकार सैम स्टीवेन्सन नये भारत को देखकर हैरान हैं और वो उन्होंने कहा है, कि दुनिया को ‘नये भारत’ की कहानी सुनाना काफी जरूरी है।
यूके स्थित समाचार पत्र डेली एक्सप्रेस के असिस्टेंट ए़डिटर सैम स्टीवेन्सन ने रविवार को इस बात पर जोर दिया है, कि अब समय आ गया है, कि इस नए भारत ने जो 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए सफर शुरू किया है, उसकी सकारात्मक कहानियों दुनिया को सुनाई जाए। आम चुनावों को कवर करने के लिए अपनी भारत यात्रा पर सैम स्टीवेन्सन ने कहा, कि भारत से बहुत सारी सकारात्मक कहानियां बताई जा सकती हैं।
भारत को लेकर यूरोप में निगेटिव स्टोरीज की भरमार
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए स्टीवेन्सन ने कहा, कि “अब समय आ गया है, कि नए भारत और इस महान राष्ट्र की भविष्य में 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की सकारात्मक कहानियों को बताना शुरू किया जाए।” उन्होंन कहा, कि “बहुत सारी सकारात्मक कहानियां हैं, जो हम भारत से बता सकते हैं। और यही हम यहां करने आए हैं।”
इस सवाल का जवाब देते हुए, कि क्या पश्चिमी देशों में भारत को जिस लेंस से देखा जाता है, क्या वास्तविक भारत उससे अलग है? ब्रिटिश पत्रकार ने कहा, कि ‘भारत की काफी आलोचना की गई है।’ उन्होंने एएनआई को बताया, कि “मुझे लगता है ,कि अब यह कहने का समय आ गया है, कि भारत विरोधी ‘बकवास’ को खत्म कर दिया जाए। हमें यहां आने और ग्राउंड रिपोर्टिंग पर न्यू इंडिया की सच्ची, सकारात्मक कहानियां बताने की जरूरत है।”
स्टीवेन्सन ने आगे इस बात पर प्रकाश डाला, कि लोग धार्मिक विभाजन जैसी बातें सुन रहे हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर ऐसा नहीं है।
#WATCH | Sam Stevenson, Assistant Editor of UK-based newspaper Daily Express, says, "I think it's time to say enough with the India bashing. Down with the anti-India 'Bakwas'. We need to come here and tell the true, positive stories of new India. Unfortunately, a lot of the… pic.twitter.com/nmupgmVaI5
— ANI (@ANI) May 19, 2024
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, लंदन और पूरे यूरोप में भारत को लेकर कई तरह की नकारात्मक कहानियां फैली हुई हैं, हम धार्मिक विभाजन जैसी बातें सुनते हैं, लेकिन हकीकत ये है, कि जमीन पर ऐसी चीजें मौजूद नहीं हैं।” भारत को एक “महान और अद्भुत राष्ट्र” बताते हुए उन्होंने कहा, कि वह इस देश के बारे में ब्रिटिश मीडिया के कवरेज को बढ़ाने के लिए वो यहां आए हैं।
‘मोदी की रैली में बुर्के में मुस्लिम महिलाएं’
स्टीवेंसन ने आगे कहा, कि “हमने मुस्लिम महिलाओं को पूरे बुर्के में नरेंद्र मोदी की रैली में भाग लेते देखा है। हमने इस महान और अद्भुत राष्ट्र के बहुलवाद के उदाहरण देखे हैं। हम इस देश के बारे में ब्रिटिश मीडिया के कवरेज को बढ़ाने के लिए यहां हैं। और हम यहां हैं, कि हम सच्चाई तक पहुंचें, कुछ वास्तविक तथ्य खोजें और उन्हें अपने घर लंदन ले आएं।”
स्टीवेंसन ने आगे कहा कि पूरे यूरोप और पश्चिम में भारत के बारे में धारणा अच्छी नहीं है।
उन्होंने कहा, कि “ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमें प्रेस से नकारात्मक कहानियां सुनाई जा रही हैं।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा, कि “यह शर्म की बात है, क्योंकि, वास्तव में, लोगों को यहां आने, इसे अपनी आंखों से देखने, इसे जीने, यहां सांस लेने, और यहां के लोगों से मिलने की जरूरत है। जमीनी स्तर पर लोगों से बात करें और आप देखेंगे कि, नया भारत और ब्रिटेन, हम भलाई के लिए एक ताकत बन सकते हैं।”
ब्रिटिश पत्रकार ने इस बात पर जोर दिया, कि दोनों देशों की संस्कृति, भाषा, विरासत और इतिहास साझा करते हैं।