लखनऊ: केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस के साथ चल रही रस्साकशी को और भी दिलचस्प बनाते हुए कहा कि कांग्रेस ने भले ही अमेठी से गांधी परिवार के वफादार किशोरी लाल शर्मा को मैदान में उतारा हो, लेकिन उनका असली मुकाबला कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से है।
समाचार वेबसाइट न्यूज18 के अनुसार जब स्मृति ईरानी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अपने पूर्व निर्वाचन क्षेत्र के बजाय पास के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं किशोर राजनीति में शामिल नहीं होना चाहती।”
स्मृति ईरानी ने कहा, “अमेठी में मेरी लड़ाई केएल शर्मा से नहीं बल्कि प्रियंका गांधी से हैं, जो मंच के पीछे से लड़ रही हैं। 2014 में कम से कम उनके भाई सामने तो थे, जो 1.07 लाख वोटों के अंतर से जीते थे।”
मालूम हो कि कांग्रेस महासचिव प्रियांका गांधी अमेठी और रायबरेली सीटों के लिए समानांतर प्रचार कर रही हैं। अमेठी सीटे से कांग्रेस के पुराने वफादार किशोरी लाल शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि रायबरेली से स्वयं राहुल गांधी पार्टी के प्रत्याशी हैं।
रायबरेली सीटे से सोनिया गांधी लगातार पांच चुनाव जीती हैं फिलहाल वो राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। वहीं अगर राहुल गांधी की बात करें तो उन्होंने 2004 में अमेठी से अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत की थी और उस सीट से लगातार दो बार जीत हासिल की थी, हालांकि 2019 में वो भाजपा के स्मृति ईरानी से हार गए थे। लेकिन राहुल गांधी ने 2019 में केरल के वायनाड से भी पर्चा भरा था, जहां से उन्हें जीत मिली थी।
मौजूदा लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी फिर से वायनाड से खड़े हुए हैं, जहां 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान हुआ था। उसके कुछ दिनों बाद कांग्रेस ने उन्हें रायबरेली से अपना उम्मीदवार बनाया, जिसे सोनिया गांधी ने फरवरी में खाली कर दिया था।
अमेठी और रायबरेली में 20 मई को पांचवें चरण में मतदान होगा। रायबरेली से सत्तारूढ़ भाजपा ने उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है, जो 2019 में सोनिया गांधी से हार गए थे।