Liquid Ramjet Fuel: रक्षा के क्षेत्र में भारत को एक और बड़ी सफलता मिली है। जिससे ब्रह्मोस तकनीकी की मिसाइलों की स्पीड एक बार फिर से बढ़ाई जा सकती है। रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (DMSRDE) ने एडवांस एयर ब्रीथिंग इंजन के लिए एक खास ईंधन तैयार किया है, जिसे लिक्विड रेजीमेट फ्यूल नाम दिया गया है। सुपसोनिक मिसाइलों की दक्षता बढ़ाने के लिए इसे भारतीय रक्षा अनुसंधान के दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है। लिक्विड रेजीमेट फ्यूल को तैयार करने के बाद DMSRDE सफलतापूर्वक परीक्षण भी कर लिया है।
भारत ने पिछले कुछ वर्षों के भीतर अपनी रक्षा प्रणाली को काफी मजबूत कर लिया है। भारत के पास अब लंबी दूरी की मिसाइलें हैं। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को अब रक्षा अनुसंधान संगठन ने काफी अपग्रेड किया है। हाल ही में ब्रह्मोस मिसाइलों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के मशीनोस्ट्रोयेनिया द्वारा स्थापित एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस (BrahMos Aerospace) द्वारा बनाया गया है।
ब्रह्मोस के कई वेरिएंट हैं, जिनमें जमीन से दागे जा सकने वाले वर्जन, युद्धपोत, पनडुब्बियां और सुखोई-30 लड़ाकू जेट शामिल हैं. लॉन्च किए गए जहाज के शुरुआती वर्जन ब्रह्मोस और लैंड बेस्ड सिस्टम 2005 और 2007 से भारतीय नौसेना और भारतीय सेना के लिए काम कर रहे हैं। वहीं इस बीच बीपीसीएल और मिनरल ऑयल कॉर्पोरेशन उद्योग ने संयुक्त रूप से उन्नत वायु श्वास इंजन के लिए तरल रैमजेट ईंधन तैयार किया है। इस फ्यूल का सफलतापूर्वक टेट्स भी कर लिया गया है।
इस हफ्ते बुधवार को जारी एक बयान में डीआरडीओ ने कहा, “डीएमएसआरडीई ने उन्नत वायु-श्वास इंजन के लिए तरल रैमजेट ईंधन विकसित करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस ईंधन का 8 मई को रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) में रैमजेट परीक्षण बिस्तर पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। इस फ्यूल को विकसित करने के लिए बीपीसीएल और मिनरल ऑयल कॉर्पोरेशन ने मिलकर काम किया है। इससे पहले डीआरडीओ ने सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज़ ऑफ टॉरपीडो (SMART) प्रणाली के तहत विकसित मिसाइल का परीक्षण किया। ये टेस्ट 01 मई, 2024 को ओडिशा के तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। ये स्मार्ट सुपरसोनिक मिसाइल एक अगली पीढ़ी की मिसाइल है, जो हल्के वजन वाली टारपीडो डिलीवरी प्रणाली के तहत विकसित की गई है। इसे भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता को हल्के टारपीडो की रेंज बढ़ाने के लिए डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।