महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर में आतंक मचा रहे आदमखोर बाघ को पकड़ने में वन विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है. पिछले तीन महीनों में इस बाघ ने चार लोगों को मौत के घाट उतारा था.
बाघ के आतंक से पूरे इलाके में दहशत फैली हुई थी.
वन विभाग की ओर से जगह-जगह पोस्टर लगाकर बाघ से सावधान रहने की चेतावनी दी जा रही थी. आखिरकार बीती रात वन विभाग ने डॉट मारकर बाघ को बेहोश किया. इसके बाद उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया. वन विभाग की टीम ने आदमखोर बाघ को ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर भेज दिया है.
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करीब 10 साल का है आदमखोर बाघ
बाघ के पकड़े जाने के बाद इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है. वन अधिकारी नरेश भोवरे ने बताया कि ये T 86M नाम का नर बाघ है, जिसने बल्हारशाह वन परिक्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से आतंक मचाया हुआ था. पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि पकड़ा गया यह बाघ करीब 10 साल का है.
इन चार लोगों की ले चुका है जान
इस नरभक्षी बाघ ने 7 जनवरी को कारवां जंगल से लकड़ी लेने गए शामराव रामचंद्र तिडसुरवार, 27 फरवरी को जंगल में बकरियां चराने गई लालबच्ची रामअवध चौहान, 14 मार्च को जंगल से लकड़ियां लाने गए रविंद्र वार्ड निवासी नामदेव आत्राम और 14 अप्रैल को बल्लारपुर बामनी के केमतुकुम से सटे जंगल में लकड़ियां लाने गए दिवाकर मनोहर उमाटे को अपना शिकार बनाया था.
मार्च से दिन-रात जुटे थे वनकर्मी
शहर से सटे जंगल और गांव के आस-पास के परिसर में इस नर बाघ के आतंक से लोग दहशत में रह रहे थे. वन विभाग ने इस नर बाघ को कैद करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया. बाघ को पकड़ने की अनुमति मार्च में मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने रात-दिन जंगल की खाक छानी. कई जगह ट्रैप कैमरे लगाए गए थे, तो जगह जगह पिंजरे भी लगाए गए थे. आखिरकार लंबे इंतजार के बाद नरभक्षी बाघ को पकड़ने में सफलता मिली.