हरियाणा के प्रबुद्ध लोगों ने की मांग।
MS चोपड़ा ने कहा कि हमारा ये अभियान गैर राजनीतिक है।
अलग हाई कोर्ट से प्रदेश की अलग पहचान बनेगी।
लोगो को समय पर नया मिलेगा।
आज युवा विदेशों में मजदूरी करने जा रहे है।
57 साल पहले जब हरियाणा बना था, तब अलग हाई कोर्ट और राजधानी की बात भी हुई थी ।
हमें चंडीगढ़ में 40 % हिस्सा बना है।
चुनावी मौसम है, इस लिए ये मुद्दा उठाया है। राजनैतिक दलों को इसका जबाब भी देना चाहिए।
हरियाना के पूर्व मुख्य सचिव आरएस चौधरी ने कहा देश मे जो नए राज्य बने हैं, वहां राजधानी बौर हाई कोर्ट भी बन गए है।
अलग राजधानी हरियाना के बीच में स्थापित होनी चाहिये
झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस वीरेंद्र वर्मा ने चंडीगढ़ का रेलवे स्टेशन पंचकूला में है। लेकिन पंचकूला का कोई जिक्र नही होता है।
आज हाई कोर्ट में पंजाब के जजों का कोटा ज्यादा है।
उत्तराखंड बनते है राजधानी और हाई कोर्ट बन गया। लेकिन हरियाणा के साथ अन्याय हो रहा है।
पूर्व VC राधेश्याम शर्मा ने कहा कि अलग राजधानी और हाई कोर्ट नहीं होना हास्यप्रद बात है।
देश के 23 राज्यो की अलग राजधानी और हाई कोर्ट है।
अलग राजधानी और हाई कोर्ट से प्रदेश रोज़गार बढेगा।
अलग राजधानी और हाई कोर्ट बन जाने से युवा बाहरी राज्यो में भी रोजगार नही जाना पड़ेगा।
आने वाली पीढ़ी को हम क्या जवाब देंगे।
चंडीगढ़ में आने वाले हरियाणा के लोगों को अपनापन महसूस नहीं होता।