कुरूक्षेत्र : मंत्रोच्चारण और गीता पूजन के साथ कुरूक्षेत्र की पावन धरा पर अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयन्ती महोत्सव का आगाज हुआ। पुरूषोत्तमपुरा ब्रहमसरोवर के तट पर राज्यपाल प्रोफैसर कप्तान सिंह सोलंकी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गीता यज्ञ में आहूति डालकर अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयन्ती महोत्सव का शुभारंभ किया।
अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 2016 में आज राज्यपाल प्रोफैसर कप्तान सिंह सोलंकी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सबसे पहले कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के खेल प्रांगण में पहुंचे। यहां पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री देश के 574 जिलों से आए प्रतिनिधियों से मिले और सभी के साथ याद के लिए एक संयुक्त फोटो भी करवाया। इसके पश्चात राज्यपाल और मुख्यमंत्री का ब्रहमसरोवर के पुरूषोत्तमपुरा बाग में पहुंचने पर सबसे पहले मंत्रोच्चारण के बीच ब्रहमसरोवर और पवित्र ग्रंथ गीता का पूजन किया। गीता पूजन के बाद राज्यपाल प्रोफैसर कप्तान सिंह सोलंकी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कवंरपाल, हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु, हरियाणा के कृषि मंत्री ओ.पी. धनखड़, नगर निकाए एवं जन सम्पर्क विभाग की मंत्री कविता जैन, हरियाणा के पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, सांसद राजकुमार सैनी,आर.एस.एस. के वरिष्ठ नेता इन्द्रेश,राज्यमंत्री कर्ण देव कम्बोज, राज्यमंत्री कृष्ण बेदी, राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष संतोष यादव, मुख्य संसदीय सचिव श्याम सिंह राणा, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, विधायक सुभाष सुधा, विधायक डा. पवन सैनी, विधायक बिक्रम सिंह यादव, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज सहित अन्य विधायकगण और गणमान्य लोगों ने मंत्रोच्चारण के बीच गीता यज्ञ में आहूति डाली।
गीता पूजन के बाद राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने गीता ज्ञान संस्थानम माडल का अवलोकन किया और कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्यों के साथ एक संयुक्त फोटो भी करवाया। स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने गीता ज्ञान संस्थानम के माडल के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस गीता ज्ञान संस्थानम में जहां पवित्र ग्रंथ गीता पर हर विषयों को लेकर शोध किया जाएगा, वहीं इस पावन धरा से पूरे विश्च में गीता ज्ञान भी पहुंचेगा। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता ज्ञान संस्थानम से पूरे विश्व को गीता का ज्ञान मिलेगा, जिससे समाज संस्कारवान बन सकेगा। जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति संस्कारी होता तो निश्चित ही प्रदेश और देश पूरे विश्व में प्रगति की राह पर ओर तेजी से आगे बढ़ेगें। इस संस्थान को सरकार की तरफ से नियमानुसार तमाम सुविधाएं भी मुहैया करवाई गई हैं। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत 97 करोड़ 35 लाख की श्री कृष्णा सर्किट के माडल का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस प्रोजैक्ट पर 97 करोड़ 35 लाख रूपये की राशि खर्च की जानी है और इस राशि में से 38 करोड़ 64 लाख रूपए ब्रहमसरोवर पर 38.64 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जाना है। इस बजट से ब्रहमसरोवर पर महाभारत पर आधारित वाटर बेस थीम, विश्वस्तरीय मल्टी मीडिया लेज़र शो, ब्रहमसरोवर का चारों तरफ सौंदर्यकरण, लाईटिंग, पार्किंग आदि कार्य करवाए जाएंगे। इसके अलावा इस बजट में से 120 लाख रुपए बहुउदेश्यीय पर्यटन सूचना केन्द्र पर खर्च किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ज्योतिसर तीर्थ पर 31.08 करोड़ रुपए का बजट श्रीकृष्णा सर्किट के तहत खर्च किया जाना है। इस बजट से महाभारत पर आधारित थीम, अक्षरधाम की तर्ज पर महाभारत का व्याख्यान, सरस्वती नदी का इतिहास, वैदिक काल से आज तक सरस्वती नदी के तट पर सभ्यताओं व पर्यटन स्थलों का ब्यौरा, 48 कोस के तीर्थों की विस्तृत जानकारी, लैंड स्केपिंग, पूरे तीर्थ का सौंदर्यकरण, यात्रियों की सुविधा के लिए शौचालय, स्नानघर, पार्किंग, कैंटीन और तीर्थ प्रवेश द्वार का निर्माण आदि किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सन्निहित सरोवर पर 6 करोड़ 50 लाय रुपए की राशि खर्च किया जाएगा। इस बजट से लाईटिंग, पार्किंग, कैंटीन, पानी को साफ करने का प्रोजेक्ट व सफाई व्यवस्था तथा सन्निहित सरोवर का सौंदर्यकरण किया जाएगा। इसी बजट में से करीब 2 करोड़ की राशि चार स्नान घरों के निर्माण पर खर्च की जाएगी। इस स्थल पर 1 करोड़ 23 लाख की लागत से पर्यटन सहायता केन्द्र भी स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत नरकातारी के बाण गंगा पर करीब 2 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जाना है। इससे तालाब का नव-निर्माण व सौंदर्यकरण, शौचालय, सफाई व्यवस्था, लाईट व्यवस्था, कैंटीन और पूरे तीर्थ का सौंदर्यकरण किया जाएगा। इस स्थल पर 20 डस्टबीन, 30 सुंदर कुर्सियां, पार्किंग आदि की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके बाद राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और अंत में सरस्वती प्रोजैक्ट के माडल को देखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिबद्री से घग्गर नदी तक सरस्वती की धारा को फिर से धरातल पर प्रवाहित करने की योजना तैयार की गई है। इस सरस्वती नदी के किनारों पर ही संस्कृति का विकास हुआ और वेदों की रचना की गई। इस मौके पर हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी, सी.एम. के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, सी.एम. के ओएसडी अमरेन्द्र सिंह, अन्र्तराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के माडल अधिकारी एवं प्रधान सचिव अनिल कुमार, पर्यटन विभाग के महानिदेशक तथा जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक समीरपाल सरो,राज्यपाल के सचिव अमित गर्ग, उपायुक्त सुमेधा कटारिया, जिला परिषद के चेयरमैन गुरदयाल सुनहेड़ी, एडीसी धर्मवीर सिंह, भाजपा के जिला अध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर सहित अन्य अधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद थे।