पंजाब में भारतीय जनता पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. अकाली दल से गठबंधन न होने के चलते पार्टी ने ये फैसला लिया है. इससे उन कयासों पर भी विराम लग गया जो अकाली दल और भाजपा के गठबंधन को लेकर लगाए जा रहे थे.
पिछले कई दिनों से ये माना जा रहा था कि दोनों दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अब पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने खुद ये साफ कर दिया है कि पंजाब की सभी सीटों पर पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी.
सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब के बेहतर भविष्य के लिए पार्टी ने ये फैसला लिया है. पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से किए गए कामों की तारीफ की और कहा कि पीएम मोदी ने बहुत सारे काम किए चाहे किसानों के लिए हों, आम लोगों के लिए हों.
क्यों नहीं हो पाया गठबंधन?
देश के अंदर कई दिन से चर्चा चल रही थी कि अकाली दल और बीजेपी एक साथ चुनाव लड़ेंगे लेकिन अब इस चर्चा पर रोक लग गई है. दरअसल अकाली दल ने बीजेपी के सामने दो मुख्य मुद्दे रखे थे, इनमें से पहला था किसानों को एमएसपी दिया जाना और दूसरा था बंदी सिखों पर फैसला लेने का. जेल में सजा पूरी होने के बावजूद बंदी सिखों की रिहाई की मांग अकाली दल लंबे समय से करता आ रहा है. पिछले करीब डेढ़ महीने से पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर किसान एमएसपी की मांग को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं और अकाली दल चाहता था कि इस मुद्दे का भी हल निकाला जाए. हालांकि ऐसा नहीं हो सका.
किसानों के मसले पर ही अलग हुए थे दोनों दल
2020 में कृषि कानूनों को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे थे तभी शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी अलग हो गए थे. 2020 में तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों का गुस्सा काफी बढ़ता जा रहा था अकाली दल के खिलाफ भी किसान उतर आए थे क्योंकि जब तीन कृषि कानून बनाए गए थे तो दोनों दल गठबंधन में थे, लेकिन पार्टी को नुकसान होता देख अकाली दल ने बीजेपी से किनारा कर लिया था. 2022 के विधानसभा चुनाव दोनों पार्टियों ने अलग-अलग लड़े थे. अब लोकसभा चुनाव की बारी आई तो चर्चा चली की दोनों एक साथ आ सकते हैं, लेकिन किसानों ने फिर से आंदोलन छेड़ दिया. अकाली दल इस मसले का हल करवा कर फायदा लेने की फिराक में था, लेकिन बीजेपी ने कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं दिया. अब बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वह अकाली दल के साथ लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन नहीं करेगी.