एसवाईएल को लेकर 1 दिसम्बर से 15 फरवरी तक इनेलो चलाएगी जनजागरण अभियान: अशोक अरोड़ा
चंडीगढ़ : पानी म्हारे किसाना की जरूरत सै जब दो भाई अलग होवे सै तो दादा लाही बंटवारे में दोनों का समान अधिकार बने सै। लेकिन हरियाणा पंजाब बंटवारे में म्हारे साथ पहले भी नाइंसाफी हुई और अब भी हो रही है। लेकिन पानी तो हम लेकर रहेंगे। यह बात ठेठ हरियाणवी भाषा में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कही। उन्होंने पंजाब व कांग्रेस की दोगली चाल पर बोलते हुए कहा कि यदि 23 फरवरी, 2017 तक एसवाईएल नहर का खुदाई का कार्य शुरू नहीं किया गया तो लाखों इनेलो कार्यकर्ता इस काम को खुद अंजाम देंगे। वे शुक्रवार को यहां भिवानी में हरियाणा प्रदेश से आए किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इनेलो प्रदेश भर में 1 दिसम्बर से 15 फरवरी तक एसवाईएल नहर को लेकर जनजागरण अभियान चलाएगी। अभय चौटाला ने कहा कि अब चूके तो फिर कभी नहीं। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा सरकार न तो स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू हुई, न युवाओं को रोजगार, न किसी के खाते में 15 लाख आए है, न ही कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान इसके विपरीत 1700 करोड़ मुख्यमंत्री ने अपनी पहचान बनाने के लिए खर्च कर दिए। चौटाला ने कहा काला धन रखने वालों को सरकार ने समय न देकर उनको सजा देनी चाहिए।
इनेलो प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही एसवाईएल पर दोहरी भाषा बोल रहे हैं और एक बेहद संजीदा मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी तरह से हरियाणा के हितों पर हमला नहीं होने देगी। ये फैसला तो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री कार्यकाल में 2002 में ही हरियाणा के हक में आ गया था जो दस साल तक केंद्र और हरियाणा की कांग्रेस सरकारों की नीतियों के कारण अटका रहा। 1978 में चौधरी देवीलाल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में एसवाईएल नहर की खुदाई करने के लिए करोड़ों की राशि पंजाब राज्य को दी गई थी। इनेलो नेताओं ने मांग की है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों का राष्ट्रीय नेतृत्व इस पर अपना स्टैंड स्पष्ट करे।
इस मौके पर किसान प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष पूर्ण सिंह डाबड़ा ने कहा कि जननायक चौधरी देवीलाल से लेकर चौधरी औमप्रकाश चौटाला सहित सभी इनेलो नेताओं ने हमेशा हरियाणा के हितों की पैरवी की। आज फिर हरियाणा प्रदेश का धरती पुत्र किसान मुसीबत है। पानी लेने का अधिकार हमारा संवैधानिक हक है। इसके लिए किसान प्रकोष्ठ से लेकर इनेलो तक का प्रत्येक कार्यकत्र्ता गांव-गांव जाकर लोगों को एसवाईएल का महत्व समझाए ताकि पानी के इस न्याय रूपी युद्ध में हरियाणा अपना हक लेने में सफल हो सके।