चंडीगढ़ : इज़राइल के राष्ट्रपति श्री रूवेन रिवलिन ने कहा कि भारत और इज़राइल बागवानी, सामरिक, सिंचाई, कृषि, व्यापार तथा संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संयुक्त रूप से काम कर रहे है। दोनों देश न केवल सरकारी स्तर पर आगे बढ़ रहे हैं बल्कि दोनों देशों के लोग भी एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझते हुए व्यापारिक तथा अन्य क्षेत्रों में बेहतरीन काम कर रहे हैं।
श्री रिवलिन ने यह बात आज जिला करनाल के सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र घरौंडा में यादगार पट्ट के अनावरण उपरांत उच्च तकनीकी ग्रीन हाउस में मीडिया से संवाद करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कृषि व बागवानी सहित अन्य क्षेत्रों में इज़राइल के पास बेहतरीन आधुनिक तकनीक है। हरियाणा ने भी इस तकनीक को अपनाने की अच्छी पहल की है और हरियाणा के पास अन्य राज्यों को ऐसी उच्च तकनीक सिखाने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि इज़राइल सरकार अन्य क्षेत्रों में भी भारत का सहयोग कर रही है। दुनिया के दूसरे देशों को भी चाहिए कि वे आधुनिक तकनीक का लाभ लेने और उच्च तकनीक अपनाने के लिए आगे बढक़र काम करें।
राष्ट्रपति रिवलिन ने इंडो-इज़राइल प्रोजेक्ट के सफल आयोजन के लिए प्रदेश की सरकार व किसानों को बधाई देते हुए कहा कि इज़राइल की नई तकनीक का लाभ उठाकर हरियाणा आगे बढ़ रहा है। बागवानी के क्षेत्र में प्रदेश में हुए विकास को लेकर भी राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि हरियाणा राज्य में इज़राइल की तर्ज पर ही बागवानी प्रौद्योगिकी का विकास हुआ है। इज़राइली प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए यहां के किसानों ने उत्सुकता दिखाई है और इससे बड़े पैमाने पर बदलाव नजर आया है। इससे पूर्व, उन्होंने हाईटेक ग्रीन हाउस का दौरा किया, जहां उन्होंने इंडो-इज़राइल तकनीक के माध्यम से किसानों के लिए बीज उत्पादन विधि के बारे में जानकारी ली। इसके बाद राष्ट्रपति ने टनल न०-5 में जाकर घीया और खरबूजे इत्यादि के उत्पादन संबंधी तकनीकी जानकारी सांझा की। अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति रिवलिन और उनकी पत्नी निचेमा रिवलिन ने भारत की आध्यात्मिक संस्कृति के प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा लगाया।
इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि खेती के मामले में इज़राइल अग्रणी देशों में से एक है। हरियाणा ने इज़राइल पद्धति को अपनाया है। इस पद्धति के आधार पर प्रदेश में पांच विभिन्न प्रकार के उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है, जिनमें सब्जी उत्कृ ष्टता केन्द्र घरौंडा, फल उत्कृष्टता केन्द्र लाडवा, कुरूक्षेत्र के रामनगर में मधुमक्खी पालन उत्कृष्टता केन्द्र, सिरसा के मंगियाना गांव में फल उत्कृष्टता केन्द्र, हिसार में डेरी फार्मिंग उत्कृष्टता केन्द्र शामिल है। उन्होंने कहा कि फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए झज्जर में जल्दी ही उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की जाएगी। इसके लिए जमीन का चयन किया जा चुका है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत और इज़राइल के संबंध इसी प्रकार मजबूत होते रहेंगे और दोनों देश आपसी सहयोग के साथ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का यह दौरा हरियाणा स्वर्ण जयंती उत्सव वर्ष के दौरान इंडो- इज़राइल कृषि कार्य योजना के तहत उत्कृष्टता केन्द्रों के सफल क्रियान्वयन के दृष्टिगत था। उन्होंने कहा की उत्कृष्टता केन्द्र में किसानों को विभिन्न प्रकार के बीज व पौध उपलब्ध करवाने के लिए पूरी व्यवस्था की हुई है। विभिन्न प्रकार की सब्जियों के लगभग 40 लाख पौध तैयार की जाती है, जो किसानों को सस्ते भाव पर उपलब्ध करवाई जाती है। इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री कर्णदेव काम्बोज, मुख्य संसदीय सचिव श्री बख्शीश सिंह विर्क, हैफेड के चेयरमैन एवं घरौंडा के विधायक श्री हरविन्द्र कल्याण, इज़राइल के राजदूत डेनियल कैरमन, भारत के राजदूत श्री पवन कपूर, इज़राइल दूतावास में प्रथम सचिव स्पोक्सपर्सन एविगेल सिप्रा, कृषि विभाग के प्रधान सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी, बागवानी के महानिदेशक डा०अर्जुन सिंह सैनी, इंडो- इज़राइल प्रोजेक्ट के कृषि सलाहकार डैन अल्फ, आईजी अनिल राव, समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।