चंडीगढ़ : इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने एसवाईएल को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को दिए गए फैसले को ऐतिहासिक व हरियाणा के लोगों की जीत बताते हुए इस फैसले का स्वागत करने के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय का आभार भी जताया है। इनेलो नेताओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की वजह से ही हरियाणा को न्याय मिला है और उन्हें उम्मीद है कि बूंद-बूंद पानी को तरस रही हरियाणा की प्यासी धरती को अब अपने हिस्से का पानी मिल पाएगा। इनेलो नेताओं ने कांग्रेस व भाजपा नेताओं पर एसवाईएल को लेकर दोहरी भाषा बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस व भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को एसवाईएल पर अपना स्टेंड तुरंत स्पष्ट करना चाहिए ताकि लोगों को पता चल सके कि कांग्रेस व भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व हरियाणा को न्याय दिलाने का पक्षधर है अथवा नहीं या फिर इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति ही करना चाहता है। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से इस मुद्दे पर तुरंत विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाए जाने की भी मांग की ताकि सभी दलों की एसवाईएल पर स्थिति स्पष्ट हो सके। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के नेताओं द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ की जा रही बयानबाजी पर कहा कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की शह पर ही इस तरह की बयानबाजी की जा रही है।
इनेलो नेताओं ने कहा कि देश संघीय ढांचे से बंधा हुआ है और सर्वोच्च न्यायालय का फैसला न सिर्फ सभी को मान्य होगा बल्कि अब इस एसवाईएल के अधूरे निर्माण को पूरा करवाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री पर है। चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इनेलो सरकार की जोरदार पैरवी के चलते एसवाईएल पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला हरियाणा के पक्ष में आया था और उस फैसले के खिलाफ पंजाब की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद उस समय पंजाब में कैप्टन अमरेंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पंजाब विधानसभा में एक बिल पारित करके सभी नदी जल समझौते रद्द कर दिए थे।
आज सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले अनुसार कैप्टन अमरेंदर की सरकार द्वारा पारित नदी जल समझौते रद्द करने वाले बिल को असंवैधानिक बताया गया है जिससे अब नहर के अधूरे निर्माण को पूरा करवाने की राह साफ हो गई है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले अनुसार एसवाईएल के अधूरे निर्माण को पूरा करवाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर है और उसे बीआरओ जैसी अपनी किसी एजेंसी से इसे पूरा करवाना है। पंजाब विधानसभा द्वारा पारित बिल पर सर्वोच्च न्यायालय की राय जानने के लिए राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट को संदर्भ भेजा था और पिछले एक दशक से यह संदर्भ सुप्रीम कोर्ट के पास लम्बित था जिस पर आज उसने फैसला सुनाया है। उन्होंने हरियाणा के लोगों से इस फैसले पर दिवाली की तरह घरों पर रोशनी करने का आग्रह करते हुए कहा कि हरियाणा को अपना दूसरा घर बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ नहर को तुरंत पूरा करवाएं।
इनेलो नेताओं ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी अलग भाषा बोलती है और हरियाणा में उसकी भाषा अलग होती है। जहां पंजाब की कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को उसके हक से वंचित करने के लिए विधानसभा में असंवैधानिक बिल पारित किया वहीं आज केंद्र व हरियाणा के साथ-साथ पंजाब में भी भाजपा सरकार में शामिल है। भाजपा की गठबंधन सरकार ने अब पिछले दिनों पंजाब विधानसभा में एक बिल पारित करके एसवाईएल के लिए अधिग्रहण की गई भूमि को न सिर्फ किसानों को वापिस लौटाने का निर्णय लिया बल्कि किसानों को यह भी कह दिया गया कि वे इन जमीनों को समतल करके उस पर अपनी खेती शुरू कर दें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी दस दिन पहले पंजाब जब अपने अलग राज्य गठन की स्वर्ण जयंती मना रहा था तो उस समारोह में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली की मौजूदगी में यहां तक कह दिया कि एसवाईएल को लेकर फैसला चाहे जो भी आए लेकिन पंजाब एक बूंद पानी भी किसी अन्य राज्य को नहीं देगा। इससे साफ है कि भाजपा भी पंजाब की अकाली सरकार की इस घोषणा से सहमत है और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री व केंद्रीय भाजपा नेतृत्व की चुप्पी भी कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की चुप्पी की तरह अनेक प्रकार के सवाल खड़े करती है। उन्होंने एसवाईएल को हरियाणा की जीवनरेखा बताते हुए कहा कि अब तक के घटनाक्रम से यह भी साफ हो गया है कि कांग्रेस व भाजपा दोनों दल इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं और हरियाणा के हितों की पूरी तरह अनदेखी हो रही है।
इनेलो नेताओं ने कहा कि हरियाणा भाजपा व कांग्रेस के नेताओं को अगर हरियाणा के हितों से जरा सा भी लगाव है तो उन्हें अपने केंद्रीय नेतृत्व से इस मुद्दे पर पार्टी की स्थिति पूरी तरह साफ करने का न सिर्फ आग्रह करना चाहिए बल्कि उन्हें यह भी कहना चाहिए कि वे इस पर राजनीति बंद कर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला जो सर्वमान्य है उसे तुरंत लागू करवाए। इनेलो नेताओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2002 में दिए गए फैसले के अनुसार एसवाईएल के अधूरे निर्माण को केंद्र सरकार को पूरा करवाना है और इस फैसले पर आज किसी भी अदालत की कोई रोक नहीं है।
इतना ही नहीं राष्ट्रपति के संदर्भ पर सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि पंजाब द्वारा 2004 में पारित नदी जल समझौते रद्द करने वाला विधेयक असंवैधानिक था, इसलिए अब इस नहर के अधूरे निर्माण को पूरा करने की राह में कोई भी अड़चन नहीं रह गई है। इनेलो नेताओं ने कहा कि आज संयोग से केंद्र व हरियाणा के साथ-साथ पंजाब में भी भाजपा की गठबंधन सरकार है इसलिए केंद्र सरकार को सर्वोच्च न्यायालय का फैसला तुरंत लागू करते हुए नहर के अधूरे निर्माण को फौरी तौर पर पूरा करवाना चाहिए और लम्बे समय से इस पर बेवजह हो रही राजनीति को अब पूरी तरह से बंद करके हरियाणा को उसका हक दिलाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने आज गुडग़ांव में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस फैसले को हरियाणा के लोगों की जीत बताया और उम्मीद जताई कि अब जल्द ही हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिल जाएगा। इस अवसर पर पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत भी मौजूद थे।