US Airdropping aid to Gaza: गाजा पट्टी में पिछले साल सात अक्टूबर को शुरू हुई इजराइल और हमास की लड़ाई में 25 हजार से ज्यादा लोग मारे गये हैं, और गाजा पट्टी में मानवीय संकट बद से बदतर हो गया है। लाखों लोग भूखे रहने पर मजबूर है और संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने आशंका जताई है, कि गाजा की एक बड़ी आबादी भुखमरी का शिकार हो सकती है।
वहीं, इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम पर बातचीत फेल होने के बाद गाजा की स्थिति और भी ज्यादा भयावह होने की आशंका है। लेकिन, इस बीच बाइडेन प्रशासन के डबल गेम पर लोग सवाल उठा रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है, कि अमेरिका की यह कैसी नीति है, कि एक तरफ वो इजराइल को ना तो युद्धविराम के लिए तैयार कर पा रहा है, और ना हथियारों की सप्लाई रोक रहा है, बल्कि दूसरी तरफ बाइडेन प्रशासन गाजा पट्टी में हवाई जहाज से खाने के पैकेट गिरा रहा है, जो ढोंग के अलावा और कुछ नहीं है।
बाइडेन पर क्यों भड़के भारतीय एक्सपर्ट
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दो दिन पहले कहा था, कि गाजा पट्टी में मानवीय सहायता लेते वक्त इजराइली सेना की गोलीबारी में 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने के बाद, अमेरिका हवाई जहाज से गाजा पट्टी में खाने के सामान गिराएगा।
बाइडेन की घोषणा के बाद अमेरिका ने गाजा पट्टी में हवाई जहाज से खाने के सामान गिराए हैं। लेकिन, भारतीय एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी ने बाइडेन के इस फैसले पर गंभीर सवाल उठाए हैं। भारत के विदेश नीति एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी ने ट्वीट करते हुए कहा है, कि “अमेरिका एक तरफ गाजा पट्टी में मानवीय मदद (खाने के सामान) एयरड्रॉप कर रहा है, जबकि वह गाजा पट्टी में विनाशकारी विनाश जारी रखने के लिए इजराइल को सैन्य सहायता और हथियार लगातार भेज रहा है, जो एक विचित्र दृश्य बनाता है। विमानों से सहायता गिराना (भोजन पहुंचाने का एक अकुशल, अपर्याप्त और बेकार तरीका) बाइडेन की तरफ से सिर्फ एक पीआर अभ्यास है।” अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था, कि “आने वाले दिनों में हम जॉर्डन में अपने दोस्तों और अन्य लोगों के साथ बातचीत करने जा रहे हैं, जो अतिरिक्त भोजन और राहत सामग्री की हवाई जहाज से सप्लाई करेगा। इसके अलावा, समुद्री रास्ते से भी ह्यूमन कॉरिडोर खोलने की कोशिश की जाएगी।”
लेकिन, हकीकत ये है कि इजराइल ने युद्धविराम और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए अभी तक इनकार ही किया है। लेकिन, अमेरिका अभी भी इजराइल को हथियारों की सप्लाई कर रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है,कि गाजा पट्टी में बाइडेन प्रशासन ने इसलिए खाने के सामान गिराने शुरू किए हैं, ताकि वो अमेरिकी अरब मुस्लिमों का गुस्सा शांत कर सकें, जिन्होंने चुनाव में बाइडेन को बॉयकॉट करने का फैसला किया है। अगर अमेरिकी मुसलमान वोटर्स, बाइडेन का बहिष्कार करते हैं, तो पहले से ही कम रेटिंग का सामना कर रहे बाइडेन के लिए डोनाल्ड ट्रंप को हराना काफी मुश्किल हो जाएगा। एक्सपर्ट्स की मानें, तो दुनिया के पेचीदा मामलों को सुलझाने में बाइडेन प्रशासन काफी कमजोर साबित हुआ है। जिस तरह से अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को निकाला गया, यूक्रेन युद्ध को रोकने में जिस तरह से अमेरिका नाकाम रहा है और अब फिलीस्तीन में विनाश को रोकने में जिस तरह से अमेरिका के हाथ-पांव फूले हैं, वो बाइडेन प्रशासन की नाकामी ही दिखा रहा है।
टस से मस होने को तैयार नहीं नेतन्याहू
7 अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में हमास के हमले के बाद शुरू हुई गाजा पट्टी की लड़ाई को लेकर इजराइल झुकने को तैयार नहीं है और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को हमास के पूर्ण विनाश से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। नेतन्याहू की कड़ी शर्तों की वजह से ही हमास और इजराइल के बीच युद्धविराम पर बातचीत नाकाम हो गई है। हमास के कब्जे में अभी भी 130 से ज्यादा इजराइली हैं और बाइडेन प्रशासन, उन्हें भी रिहा करवाने में नाकाम ही रहा है।
अमेरिकी वायु सेना ने 30,000 से ज्यादा भोजन के पैकेट पैराशूट से गाजा पट्टी में गिराए हैं, लेकिन सहायता एजेंसियों ने कहा है, कि सैन्य एयरलिफ्ट से मानवीय मदद नहीं पहुंचाई जा सकती है। इसके बजाय, सहायता एजेंसियां चाहती हैं, कि इजराइल ज्यादा से ज्यादा सहायता ट्रकों को जमीनी मार्ग होते हुए गाजा पट्टी में जाने की इजाजत दे। सहायता एजेंसियों का कहना है, कि हजार से ज्यादा ट्रकों को अगर जाने की इजाजत दी गई, तभी थोड़ी बहुत राहत आम लोगों को मिल पाएगी।
इजराइल को कितना हथियार देता है अमेरिका?
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के हथियार ट्रांसफर डेटाबेस के अनुसार, 2013 से 2022 के बीच इजराइल के हथियारों का 68 प्रतिशत आयात अमेरिका से हुआ। अमेरिकी सेना भी इजराइल में हथियारों का भंडार रखती है, शायद अमेरिकी सेना खुद कभी उनका इस्तेमाल कर सके। हालांकि, अमेरिका ने गाजा युद्ध के दौरान इजराइल को इनमें से कई हथियारों के इस्तेमालस की इजाजत दे दी है।
अमेरिका का कहना है, कि इजराइल के पास अपनी रक्षा का अधिकार है। पिछले महीने अमेरिका ने गाजा में इजराइली युद्ध को समर्थन देने के लिए 14 अरब डॉलर के पैकेज को मंजूरी दी है। पिछले साल अक्टूबर में युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका ने लगातार इजराइल को हथियारों की आपूर्ति की है और सैन्य सहायता के लिए 3 अरब डॉलर के स्पेशल पैकेज की भी घोषणा की है। अमेरिका के अलावा कई अन्य देश भी हथियारों की बिक्री के माध्यम से इज़राइल को सैन्य सहायता प्रदान कर रहे हैं। लिहाजा, गाजा पट्टी को लेकर अमेरिकी नीति सवालों के घेरे में है और पूछा जा रहा है, कि क्या गाजा पट्टी को लेकर बाइडेन प्रशासन की जो नीति है, क्या उसे डबल गेम नहीं कहा जा सकता है।