नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि 500 और 1000 के नोट वापस लेने से किसानों पर बुरा असर पड़ेगा। जेटली ने कहा कि कांग्रेस नेता को ‘अपने दिमाग का इस्तेमाल’ करना चाहिए और ये समझना चाहिए कि जो कृषि में हैं उन्हें किसी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता, चाहे वो इसे बैंक में रखें या घर पर।
जेटली ने राहुल गांधी के इस आरोप को भी निराधार बताया कि आम आदमी को 500 और 1000 रुपए के नोट वापस लिए जाने से दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जेटली ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ओर से 2000 रुपए के नए नोट की लागत के अनुमान को भी ‘बहुत बढ़ा चढ़ा कर’ कहा हुआ करार दिया। जेटली ने कहा, ‘जहां तक राहुल गांधी का सवाल है, उन्हें समझना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति, गरीब या आम आदमी, को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।’
वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि से होने वाली आमदनी आय कर से मुक्त है. किसानों चाहें बैंक में पैसे रखे (पुराने और अब वापस लिए जा चुके करेंसी नोटों को जमा कर) या घर पर, दोनों ही मामलों में उन्हें कोई कर नहीं देना है. अगर वो धन बैंक में रखते हैं तो उन्हें ब्याज भी मिलेगा और धन सुरक्षित भी रहेगा। इस तरह उन्हें तीन लाभ होंगे- टैक्स देने की कोई आवश्यकता नहीं, ब्याज मिलेगा और धन सुरक्षित रहेगा। अगर वो घर पर ही धन असुरक्षित ढंग से रखते हैं तो उन्हें ज्यादा परेशानी होगी. इसलिए इस तरह के बयान देने से पहले वो (राहुल गांधी) अपने दिमाग का इस्तेमाल करें और गंभीरता से विचार करें।
बता दें कि राहुल गांधी ने कई ट्वीट में इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि असली अपराधी अपने काले धन पर पहले की तरह बैठे हुए हैं और किसानों, चोटे दुकानदारों और गृहणियों को अफरा-तफरी में डाल दिया गया है. वहीं चिदंबरम ने 500 और 2000 के नए नोटों पर 18,000 से 20,000 करोड़ की लागत आने का अनुमान जताया था।