अपनी मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा समेत देश के हजारों किसान दिल्ली को घेरने के लिए कूच कर चुके हैं। पिछली बार की तरह ही इस बार भी किसान अपनी मांगों मांगों को मनवाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल, किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने, किसान के लोन माफ करने समेत अपनी और कई मांगों को स्वीकार कराने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर इकठ्ठा हुए हैं। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए राजधानी से सटी सभी सीमाओं पर भारी संख्या में फोर्स तैनात की गई। इसके अलावा किसानों के सैलाब को रोकने के लिए कटीले तार समेत कई व्यवस्थाएं की गई हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से किए गए सभी प्रबंधनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
पंधेर के नेतृत्व में जुटे किसान
किसान नेता 2.0 को पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का साथ मिला है। उन्हीं के नेतृत्व में पंजाब के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर इकठ्ठा हुए हैं। सरवन सिंह पंधेर अमृतसर के रहने वाले हैं। वे माझा के किसान संगठन किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव हैं। किसान संघर्ष कमेटी से अलग होकर सतनाम सिंह पन्नू ने साल 2007 में किसान मजदूर संघर्ष समिति की स्थापना की थी। पंधेर इसी कमेटी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। पंधेर की उम्र 45 साल है और उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की है। पंधेर छात्र जीवन से ही किसानों के हक की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। ये लगभग सवा दो एकड़ जमीन के मालिक हैं।
किसानों को किया जा रहा प्रताड़ित
‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर पत्रकारों से बातचीत में सरवन सिंह पंधेर ने सरकार की निंदा करते हुए कहा कि राज्य की सीमाएं ‘‘अंतरराष्ट्रीय सीमाओं’’ में तब्दील हो गई हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार पर किसानों को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया।
ये है किसानों की मांग
बता दें कि किसान केंद्र सरकार से स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन स्कीम लाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही कृषि ऋण माफी और 2020/21 के विरोध प्रदर्शन के दौरान दर्ज पुलिस मामलों को वापस लिए जाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
#WATCH | Protesting farmers throw police barricade down from the flyover at Shambhu on the Punjab-Haryana border as they march towards Delhi to press for their demands. pic.twitter.com/oI0ouWwlCj
— ANI (@ANI) February 13, 2024