चंडीगढ़, 31 अगस्त- हरियाणा में तम्बाकू युक्त खाद्य पदार्थों के निमार्ण, भंडारण, वितरण या तम्बाकू युक्त खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने आज यहां विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र के दौरान एक लिखित प्रश्र के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में 3 सितंबर 2015 को एक अधिसूचना पारित की गई है। जिसके अनुसार तम्बाकू युक्त खाद्य पदार्थ जो या तो स्वाद, सुगंधित या अन्य मिश्रण के साथ या किसी अन्य नाम या गुटखा, पान मसाला के नाम से प्रचलित हो, को मिलाया, सुगंधित किया हुआ या उसे अन्य किसी भी प्रकार के नाम से जाना जाता हो, पैक या बिना पैक या एक उत्पाद के रूप में बेचा जाता हो या अलग उत्पादों के रूप में बेचा जाता हो को प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा जिसे आसानी से उपभोक्ता द्वारा मिश्रित किया जाता हो, को आदेश जारी करने के एक वर्ष तक के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इस संबंध में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ में विभिन्न यचिकाकर्ताओं की ओर से याचिकाएं दायर की गई थी।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ ने 14 अक्टूबर 2015 के अंतरिम आदेश द्वारा बिक्री या चबाने वाले तम्बाकू के निमार्ण की बिक्री व आपूर्ति के लिए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई बलपूर्वक कदम नहीं उठाने के लिए राज्य को निर्देश दिये गए थे। उक्त आदेश के विरुद्ध विभाग की ओर से विशेष अनुमति याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इसके उपरांत हरियाणा के सभी उपायुक्तों, सभी पदाभिहित अधिकारियों एवं सिविल सर्जनों, सिविल खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को सुझाव दिये गए और प्रदेश से चबाने वाले तम्बाकू, सुपारी, गुटखा पान मसाला के 74 नमूने लिये गए। इन नमूनों की विशलेषण रिपोर्ट के परिणााम के आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि तम्बाकू कानून कार्यान्वन हेतु सिविल सर्जनों से प्राप्त जनवरी 2009 से जुलाई 2016 की रिपोर्ट अनुसार सार्वजनिक स्थलों पर मारे गए छापों की संख्या 6636, सार्वजनिक सेवाओं के वाहनों पर मारे गए छापों की संख्या 2778, सार्वजनिक स्थानों पर व्यक्तियों के किये गए चालानों की संख्या 19,889 है। इसके अतिरिक्त इस दौरान जुर्माना किये गए विक्रेताओं की संख्या 11,147 है, तथा जुर्माने द्वारा कुल 22 लाख 60 हजार 950 रुपये की राशि एकत्रित की गई।