तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी को 3 साल की जेल सुनाई गई है। उन्हें भ्रष्ट्राचार के एक मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने दोषी पाया है। मद्रास हाईकोर्ट के दोषी पाए जाने के बाद पोनमुडी को तत्काल विधायक और मंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। मद्रास हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जी. जयचंद्रन ने बुधवार को पोनमुडी और उनकी पत्नी पी. विशालक्षी को बृहस्पतिवार को तलब किया था। पी. विशालाक्षी को भी दोषी पाया गया है। मंत्री और उसकी पत्नी के खिलाफ यह मामला सर्तकता निदेशालय ने 2006 से लेकर 2011 के बीच दायर किया गया था। दोनों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। वर्ष 2006 में पोनमुडी खनिज मंत्री थे। पानमुडी उच्च न्यायाल के फैसले के खिलाफ 30 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
मंत्री ने पत्नी के नाम दिखाई थी झूठी आमदनी
मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि निचली अदालत मामले की जांच करने में विफल रही। वह इस बात की जांच करने में विफल रही कि मंत्री की पत्नी के स्वामित्व वाली व्यावसायिक और कृषि भूमि से आय के नाम उनके नाम पर जुटाई गई संपत्ति वास्तविक संपत्ति तुलना में बहुत ज्यादा थी। यह मंत्री की आमदनी को छुपाने के लिए किया गया था।
आय से 65 फीसदी अधिक संपत्ति अर्जित की
मद्रास हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि न्याय की विफलता दोषी पाए गए लोगों को बरी करने से उत्पन्न हो सकती है। ऐसा होना एक निर्दोष को सजा देने से कम नहीं माना जा सकता है। न्यायाधीश ने दंपति को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक कदाचार का दोषी ठहराते हुए कहा कि दोनों ने आय के अपने ज्ञात स्रोतों के अनुपात में 65% अधिक संपत्ति अर्जित की थी।