आए दिन आप ऐसा देखते, सुनते या पढ़ते हैं कि फलां के अकाउंट से लाखों रुपये उड़ा लिए। सोशल मीडिया पर भी लोग अक्सर यह लिखते रहते हैं कि मेरा अकाउंट हैक हो गया। या फिर आप ऐसी भी खबर सुनते ही होंगे कि फलां जगह की सरकार या सरकारी संस्था का डेटा हैक हो गया। दरअसल, साइबर अपराध से जुड़ी खबरों में दिन ब दिन इजाफा दर्ज किया जा रहा है। वैश्विक औसत की तुलना में भारत में साइबर घटनाओं की संख्या लगभग दोगुनी हुई है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक एमयू नायर ने रविवार को ‘सिनर्जिया कॉन्क्लेव 2023’ में एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि 10 महीने में औसतन लगभग 1.54 अरब अमरीकी डॉलर के लिए रैंसमवेयर हमला किया गया जो 2022 के बाद से दोगुना हो गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय साइबरस्पेस में पिछले छह महीनों के दौरान औसतन 2127 बार साइबर घटनाएं सामने आई हैं, जो वैश्विक औसत 1108 से कहीं अधिक है। उनका कहना है कि साइबरस्पेस पर विघटनकारी प्रेक्टिस को रोकने और सीमित करने के लिए सभी देशों को एकजुट होने का समय आ गया है।
उभरती चुनौतियों के हल के लिए पहल जरूरी
नायर ने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय पहल साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उभरती चुनौतियों का समाधान कर रही हैं। ऐसा ही प्रयास संयुक्त राष्ट्र सरकारी विशेषज्ञों का समूह की तरफ से हो रहा है। इसने 2021 में एक रिपोर्ट अपनाई, जो अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा के विकास में अहम योगदान देती है।
क्या होता है साइबर क्राइम?
साइबर क्राइम एक आपराधिक गतिविधि है जो या तो कंप्यूटर, कंप्यूटर नेटवर्क या नेटवर्क डिवाइस को लक्षित करती है या उसकी सहायता से होती है। अधिकांश साइबर अपराध साइबर अपराधियों या हैकरों द्वारा किया जाता है जो पैसा कमाना चाहते हैं। हालांकि, कभी-कभी साइबर अपराध का उद्देश्य लाभ के अलावा अन्य कारणों से कंप्यूटर या नेटवर्क को नुकसान पहुंचाना होता है।