चण्डीगढ़ : केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगामी 14 अप्रैल को राष्ट्रीय कृषि बाजार की शुरूआत की जाएगी और वर्ष-2018 तक देश की 585 मंडियों को ई-टे्रडिंग के साथ जोड़ दिया जाएगा। इस परियोजना में हरियाणा की मंडियों को भी शामिल किया गया है।
केन्द्रीय मंत्री श्री राधामोहन सिंह आज कुरुक्षेत्र के लाडवा में भारत-इज़राइल परियोजना के तहत एकीकृत विकास बागवानी मिशन के तहत बनाए गए उप-उष्णकटिबंधीय फल केंद्र का उद्घाटन करने के उपरांत बोलते हुए कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से फल तथा सब्जी के उत्कृष्ट केंद्रों का व्यवसायीकरण करने की योजना भी तैयार की जा रही है।
इससे पहले केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह व हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने 9 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से तैयार उप-उष्णकटिबंधीय फल केंद्र का विधिवत उद्घाटन किया और बागवनी क्षेत्र व नर्सरी का अवलोकन भी किया।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि मई 2006 में भारत और इज़राइल के बीच भारत-इज़राइल परियोजना के तहत फलों के लिए उत्कृष्ट केंद्र खोलने का समझौता हुआ था। भारतीय कृषि के विकास में तेजी लाने के लिए ही इज़राइल की अद्यतन प्रौद्योगिकीय विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए कार्य योजना पर विचार किया गया। इस परिप्रेक्ष्य में जन प्रबंधन और सरंक्षित खेती के क्षेत्र में इज़राइल का तकनीकी कौशल पूरे विश्व में विख्यात है। इज़राइल के विशेषज्ञों की सहायता से हरियाणा सरकार ने लाडवा में उत्कृष्ट केंद्र खोलकर बागवानी क्षेत्र में उन्नति की तरफ एक बहुत बड़ा कदम बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि उन्नत किस्मों व खेती प्रारंभ करने, आधुनिक उत्पादन और कटाई पश्चात प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन और मानव संसाधन के विकास के लिए ही भारत-इज़राइल सहयोग परियोजना के सफल क्रियान्वन को भारत सरकार ने प्राथमिकता दी है। भारत में इज़राइल के अनुभवों का सार्थक उपयोग करके बागवानी क्षेत्र में विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक भारत-इज़राइल कार्य योजना के तहत समेकित बागवानी विकास मिशन द्वारा 26 उत्कृष्टता केंद्रों को मंजूरी दी गई है। इसमें से प्रथम दो चरणों में 10 उत्कृष्टता केंद्रों पर कार्य पूरा किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जल की बर्बादी को रोकने और भावी जल संकट को देखते हुए ‘पर ड्रॉप-मोर क्रॉप’ योजना पर कार्य कर रही है। सरकार का प्रयास है कि कम से कम पानी में अधिक से अधिक फसलों की सिंचाई की जा सके।