America on India-Canada Row: खालिस्तान आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत-कनाडा संबंधों में खटास के बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार (स्थानीय समय) को कहा है, कि यह महत्वपूर्ण है, कि हत्या के मामले में ओटावा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।
एक प्रेस ब्रीफिंग में, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, कि “हमारा मानना है कि यह महत्वपूर्ण है, कि कनाडा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। और हमने सार्वजनिक रूप से, और निजी तौर पर, भारत सरकार से कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है।”
कनाडा के समर्थन में अमेरिका?
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने दोहराया, कि 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार की भूमिका के “विश्वसनीय सबूत” के पिछले हफ्ते लगाए गए कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों से अमेरिका “गहराई से चिंतित” है।
उन्होंने कहा, कि “हम अपने कनाडाई सहयोगियों के साथ निकट संपर्क में हैं।”
इस बीच, अमेरिकी प्रतिनिधि जिम कोस्टा ने सोमवार को सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, कि उन्होंने निज्जर की हत्या की जांच के लिए हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में एक आधिकारिक ब्रीफिंग का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, “मैं उन रिपोर्टों से बहुत चिंतित हूं, कि कनाडाई सिख नेता हरदीप सिंह नीजर की हत्या कर दी गई थी, और मैंने हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सदस्य के रूप में एक आधिकारिक ब्रीफिंग का अनुरोध किया है। हमें यह निर्धारित करने के लिए इस अपराध की पूरी जांच करनी चाहिए कि किसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
माना जा रहा है, कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान को आधार बनाकर, अमेरिका भारत को संतुलित करना चाहता है, लेकिन कई एक्सपर्ट्स का कहना है, कि अमेरिका का ये कदम उल्टा पड़ सकता है, क्योंकि भारत में कनाडा के खिलाफ भारी गुस्सा है।
भारत-कनाडा विवाद पर अमेरिका का रुख
अमेरिका ने गुरुवार को कहा था, कि वह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों की जांच के कनाडा के प्रयासों का समर्थन करता है। अमेरिकी बयान में कहा गया था, कि किसी भी देश को ऐसी गतिविधियों के लिए कोई “विशेष छूट” नहीं मिल सकती है।
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है, कि ट्रूडो द्वारा संसद में लगाए गए आरोपों को लेकर अमेरिका “गहराई से चिंतित” है और अमेरिका जवाबदेही देखना चाहता है और यह “महत्वपूर्ण” है कि भारत, कनाडाई लोगों के साथ जांच पर काम करे।
एंटनी ब्लिंकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कि “हम कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों से बेहद चिंतित हैं। हम अपने कनाडाई सहयोगियों के साथ बहुत निकटता से परामर्श कर रहे हैं, और इस मुद्दे पर उनके साथ कॉर्डिनेट कर रहे हैं। हमारे दृष्टिकोण से, यह महत्वपूर्ण है, कि कनाडाई जांच आगे बढ़े।”
खराब हो चुके हैं भारत-अमेरिका संबंध
कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की घातक गोलीबारी में हुई हत्या के लिए भारत की भूमिका का आरोप लगाया है, जिसके बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।
भारत में वांटेड आतंकवादी निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
भारत ने गुस्से में कनाडाई पीएम के आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” कहकर खारिज कर दिया और ओटावा के इसी तरह के कदम के लिए एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया। भारत ने भी “सुरक्षा खतरों” के मद्देनजर कनाडाई नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया और नई दिल्ली में कनाडाई राजनयिकों की संख्या कम करने का आह्वान किया।