Ravichandran Ashwin returns: भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के लिए आर अश्विन को वनडे टीम में शामिल किया है। कुलदीप यादन और अक्षर पटेल की गैर मौजूदगी में आर अश्विन का प्लेइंग इलेवन में खेलना पक्का माना जा रहा है। ऐसे में अश्विन के पास अपनी काबिलियत दिखाने का भरपूर मौका होगा। अगर अश्विन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब होते हैं तो उन्हें वनडे वर्ल्ड कप टीम में भी शामिल किया जा सकता है।
वर्ल्ड कप टीम में हो सकती है एंट्री: आर अश्विन ने करीब 21 महीने बाद वनडे टीम में वापसी की है। इससे पहले जनवरी 2022 में अश्विन ने भारत के लिए वनडे मैच खेला था। भारतीय टीम में ऑफ स्पिनर की कमी भी खल रही थी। ऐसे में अश्विन टीम की इस कमी को पूरा कर सकते हैं। वैसे भारतीय सरजमीं पर वर्ल्ड कप के दौरान स्पिनर्स का बोलबाला रहा है। ऐसे में अश्विन के पास खुद को साबित करने का बेहतरीन मौका होगा।
1987 में मनिंदर सिंह ने बिखेरा था जलवा: साल 1987 में सबसे पहली बार भारतीय सरजमीं पर वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया था। इस वर्ल्ड कप में भारत की तरफ से बाएं हाथ के स्पिनर मनिंदर सिंह ने 14 विकेट हासिल किए थे। साल 1987 में भारतीय टीम सेमीफाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही थी। 1996 में भी भारत में वर्ल्ड कप खेला गया, इस टूर्नामेंट में भारत की ओर से अनिल कुंबले ने सबसे अधिक विकेट अपने नाम किया था।
साल 2011 में युवराज का जलवा: आखिरी बार साल 2011 में भारतीय सरजमीं पर वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया था। भारत ने श्रीलंका को फाइनल में हराकर खिताब अपने नाम किया था। भारत की ओर से तेज गेंदबाज जहीर खान ने टूर्नामेंट में सबसे अधिक 21 विकेट लिए थे। लेकिन युवराज सिंह भी इस वर्ल्ड कप के हीरो थे। युवराज सिंह ने 15 विकेट चटकाए, इसके साथ ही वह बल्ले के साथ भी टीम के लिए अहम योगदान देने में सफल रहे।