पोर्टल-पोर्टल खेलने के बाद गिरदावरी और वेरिफिकेशन कर रही है ढोंग
किसान, मजदूर, दुकानदार, पशुपालक, सभी के नुकसान की तुरंत करें भरपाई
चंडीगढ़, 30 अगस्त। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि जुलाई माह में आई बाढ़ के पीड़ित अभी तक भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की ओर मदद की आस में टकटकी लगाए बैठे हैं। भारी-भरकम नुकसान के बावजूद सरकार उनके साथ पोर्टल-पोर्टल खेल रही है। पोर्टल पर तमाम नुकसान का दावा करने के बाद अब गिरदावरी और वेरिफिकेशन की आड़ में मामले को और अधिक लंबा खींचा जा रहा है। सरकार को चाहिए कि किसान, मजदूर, दुकानदार, पशुपालक आदि जिस किसी ने भी नुकसान का दावा किया है, उन्हें 10 सितंबर तक हर हाल में सहायता राशि जारी करे।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि गठबंधन सरकार ने जानबूझकर गिरदावरी कराने में देरी की है ताकि मुआवजा राशि देने से सरकार बची रहे, इसलिए पहले पोर्टल पर दावे करने की हिदायत दी गई। अगर उसी समय विशेष गिरदावरी का आदेश दिया होता तो 31 जुलाई तक मुआवजा राशि का वितरण किया जा सकता था। लेकिन, सरकार की नीयत सही नहीं होने के कारण पूरे मामले को लटकाया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गठबंधन सरकार की मंशा यही रही कि खेतों में भरा पानी उतर जाए तो फिर उसे कम नुकसान दिखाने में आसानी होगी। इसलिए ही पोर्टल के चक्कर में किसानों व प्रदेश के आम लोगों को उलझाया गया। अब लोगों ने जो दावे पोर्टल पर किए हैं, उनमें से आधे से अधिक को वेरिफिकेशन के नाम पर रिजेक्ट करने की साजिश रचने की जानकारी मिल रही है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि 8, 9, 10 जुलाई को आई बाढ़ से कई जिलों में लाखों लोग प्रभावित हुए। इनमें से ज्यादातर ऐसे थे, जिन्हें तुरंत सरकारी मदद की जरूरत थी। किसी के सिर से छत छिन चुकी, तो किसी के घर में रखा अनाज व अन्य सामान खराब हो चुका। समाज के लोगों की आपसी मदद से किसी तरह इनका जीवन चल रहा है। सरकार को ऐसे परिवारों को फौरी तौर पर मदद करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाढ़ ने किसानों पर दोहरी मार की है। जलभराव से उनकी फसल तो खराब हो ही गई है, साथ में अब इस जमीन को फिर से खेती के लिए तैयार करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि, पहाड़ों से आए पानी में पथरीली मिट्टी बहकर आई, जो खेतों में परत की तरह जमा हो गई है। इससे खेत को फिर से फसल के लिए संवारने में किसानों को पहले के मुकाबले कई गुणा मेहनत करनी पड़ेगी। इसलिए किसानों को कम से कम 50-50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए।
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जब भाजपा के वोट लगे घटने, तो चुनावी तोहफे लगे बंटने: कुमारी सैलजा
कहा-मोदी सरकार का दिया एक-एक जख्म और उसकी जनविरोधी नीति जनता को है याद
चंडीगढ़, 30 अगस्त। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि भाजपा सरकार को जनहित से कोई लेना देना नहीं है, हर चुनाव आने से पहले उसे पता होता है कि उसके वोट कम हो रहे है तो जनता को लुभाने के लिए चुनावी तोहफे बांटने लगती है, पिछले साढ़े नौ साल तक सरकार गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाती रही और चुनाव देखकर 200 रुपये कम करके भाजपा जनता के जख्मों को नहीं भर सकती, सरकार का दिया एक एक जख्म और उसकी जनविरोधी नीति जनता को याद है, समय आने पर जनता उसे सबक सिखाकर रहेगी।
मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि लोगों को मालूम है कि कांग्रेस के समय पर सिलेंडर के दाम क्या हुआ करते थे। कांग्रेस के राज में गैस सिलेंडर की कीमत 300 रुपये प्रति सिलेंडर थी, जो अब 1150 रुपये प्रति सिलेंडर पहुंच चुकी है। ऐसे में सरकार ने करीब साढ़े नौ साल सिलेंडर के दाम बढ़ाए और अब 200 कम करके मोदी सरकार सरकार की संवेदनाएं बंटोरना चाहती है, ये मोदी सरकार झूठी है उसकी संवेदनाएं झूठी है। उन्होंने कहा कि देश का शिक्षित युवा अब भाजपा की पैंतरेबाजी में नहीं फंसेगा। अगले चुनाव में भाजपा को उखाड़ कर दम लेगा। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने में इंडिया गठबंधन की सिर्फ दो बैठक हुई हैं और सरकार ने एलपीजी गैस के दाम 200 रुपये कम कर दिए गए.सिलेंडर के दामों में कमी इंडिया से डर की है ये इंडिया का का दम है। उन्होंने कहा कि जब वोट लगे घटने, तो चुनावी तोहफे लगे बंटने। उन्होंने कहा कि धनवानों की हितेषी सरकार को जनता कैसे याद आने लगी। जनता की गाढ़ी कमाई लूटने वाली, निर्दयी मोदी सरकार अब माताओं-बहनों से दिखावटी सद्भावना जता रही है।