Sandeep Dixit Statements: अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन (I.N.D.I.A) का हिस्सा है. वैसे तो कांग्रेस से ‘आप’ का छत्तीस का आंकड़ा रहा है, लेकिन गठबंधन में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने सॉफ्ट रुख अपनाया हुआ है. हाल ही में जब दिल्ली की सीटों पर चुनाव को लेकर बयानबाजी शुरू हुई तो कांग्रेस ने सफाई भी दी और मामले की शांत करने की कोशिश की लेकिन दिल्ली में ही कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता शांत नहीं हो रहे हैं और केजरीवाल व आम आदमी पार्टी पर लगातार हमले करना जारी रखे हुए हैं.
हम बात कर रहे हैं, कांग्रेस नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित की
जिनके निशाने पर पिछले कई दिनों से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल हैं. संदीप दीक्षित दिल्ली सर्विस एक्ट के बहाने केजरीवाल पर हमला कर रहे हैं, जो कि आम आदमी पार्टी के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है. खास बात ये है कि इस मुद्दे संदीप दीक्षित जो बातें कह रहे हैं, वो पार्टी लाइन से बिलकुल अलग है.
ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या संदीप दीक्षित कांग्रेस से अलग होकर नई जगह तलाश रहे हैं. सवाल ये भी है कि क्या वो बीजेपी में जाने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि उनके बयानों से दिल्ली में बीजेपी को ही सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. पहले संदीप दीक्षित का ताजा बयान जान लेते हैं.
‘केजरीवाल को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं’
संदीप दीक्षित ने शनिवार (19 अगस्त) को कहा, एक जमाना था जब हम लोगों को लगता था कि दिल्ली को पूरे राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, लेकिन जब अनुभव हुआ और दिल्ली कुछ समय से कैसे चल रही है, उसको देखा है तो जो अभी शक्तियों का बंटवारा है, उसमें बहुत परिवर्तन की जरूरत नहीं है. साथ भी दिल्ली में बहुत अच्छे काम हुए हैं.
उन्होंने आगे कहा, केजरीवाल ट्रांसफर-पोस्टिंग करना, एंटी करप्शन ब्रांच से अपने को बचाना, जैसे सत्ता के दुरुपयोग वाले अधिकार चाह रहे हैं, ये कहीं से भी नैतिक नहीं दिखता है. अरविंद केजरीवाल जैसा आदमी केवल अपना और अपनी पार्टी की सत्ता को देखेगा, उस व्यक्ति से कोई फीडबैक आता है, उसे हमें गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.
पहली बार नहीं, बयानों की है लिस्ट
संदीप दीक्षित का ये बयान अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए बेहद ही चुभने वाला होगा, लेकिन ये पहली बार नहीं है, जब संदीप दीक्षित ने केजरीवाल पर निशाना साधा है. जब अरविंद केजरीवाल संसद में दिल्ली सर्विस बिल पर वोटिंग के लिए लिए लामबंदी कर रहे थे और कांग्रेस ने काफी दिनों बाद उनकी मांग स्वीकार की थी, उस समय भी दीक्षित ने कहा था कि ये बिल पास होना चाहिए.
तब ‘आप’ पलटवार करते हुए कहा था कि लगता है संदीप दीक्षित कांग्रेस में नहीं हैं. वहीं, दिल्ली सर्विस बिल संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद एक बार फिर दीक्षित ने पलटवार किया था और कहा था कि उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल अब रोने-धोने और अनावश्यक बयान देने के बजाय काम करेंगे.
‘डर की वजह से इंडिया गठबंधन में शामिल हुए केजरीवाल’
हाल ही में जब कांग्रेस की बैठक के बाद अलका लांबा ने दिल्ली में सभी सीटों पर चुनाव तैयारी का बयान दिया तो ‘आप’ ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी, उस समय भी कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए ‘आप’ को बीजेपी की दुम बताया था. दीक्षित ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस को गठबंधन की जरूरत नहीं है और केजरीवाल डर की वजह से इंडिया गठबंधन में शामिल हुए हैं.
कांग्रेस नेता दीक्षित ने अलका लांबा के बयान का भी समर्थन किया था और कहा था कि आम आदमी पार्टी बेवकूफों की फौज है. दुनिया को धोखा देते हैं इसलिए हर जगह धोखा नजर आता है. अलका लांबा ने क्या गलत कहा! सातों सीटों पर तैयारी करने की बात में गलत क्या है? बिना तैयारी के चुनाव कैसे लड़ेंगे?
गीदड़ से की तुलना
एएनआई से बातचीत के में आप के इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर संदीप दीक्षित ने बीती 5 अगस्त को AAP की तुलना गीदड़ से कर दी थी. उन्होंने कहा था, जिस तरह जंगल में जहां शेर, हाथी रहते हैं, वहां गीदड़ भी रहते हैं. उसी तरह ये भी (गठबंधन में) हैं. उन्होंने आगे कहा- मैं उनकी तुलना गीदड़ से भी नहीं करूंगा क्योंकि गीदड़ में भी कुछ गुण होते हैं.