डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने सफाई देते हुए कहा कि
उन्होंने हिंदू और मुसलमाओं की एकता के संबंध में वह बयान दिया था. कुछ दिन पहले गुलाम नबी आजाद के एक बयान ने विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने हिंदू धर्म को इस्लाम से पुराना बताते हुए कहा कि भारत के मुसलमान हिंदुओं से कन्वर्ट हुए हैं.
गुलाम नबी आजाद के इस बयान का पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने भी विरोध किया था. इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने साफ किया कि उनका मतलब हिंदू-मुसलमान एकता से था.
और क्या बोले गुलाम नबी आजाद?
आजाद ने कहा कि इस्लाम दुनिया देश में कभी तलवार के बल पर नहीं फैलाया गया, बल्कि प्यार और संदेशों के जरिए फैला है. गुलाम नबी आजाद ने कहा. ‘मैंने यह भी कहा कि हिंदू धर्म बहुत पुराना है और यह बात सच है क्योंकि इस्लाम की उत्पत्ति भारत में नहीं हुई है, लेकिन सदियों पहले अन्य देशों में इसका विस्तार होने के कारण यह यहां पहुंचा.’ उन्होंने यह भी कहा कि इस्लाम हजरत आदम के समय से है और अनंतकाल तक कायम रहेगा.
इस बयान पर मचा था बवाल
जिस बयान को लेकर बवाल मचा है, उसमें गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि भारत में बहुत कम मुसलमान बाहर से आए हैं, ज्यादातर हिंदुओं से ही कन्वर्ट हुए हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म बहुत पुराना है और इस्लाम सिर्फ 1500 साल पहले आया है. गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘इस्लाम आया ही है 1500 साल पहले और भारत में हिंदू धर्म बहुत पुराना है. मुसलमान बाहर से आए होंगे 10-20, जो उनकी (आक्रमणकारियों) फौज के साथ थे. इनके अलावा, बाकी जो हैं सभी मुसलमान हिंदू धर्म से ही कन्वर्ट हुए हैं.’