हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद सरकार की ओर से किए गए बुलडोजर एक्शन पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी. सरकार के बुलडोजर एक्शन पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुनवाई करेंगे. जस्टिस अरुण पल्ली पर आधारित डिवीजन बेंच ने इस मामले में सुनवाई से इनकार कर दिया था. आपको बता दें कि नूंह हिंसा के बाद 57.5 एकड़ में अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर से हटाया गया था. सरकार की तरफ से आज इस मामले में जवाब दाखिल किया जा सकता है.
आगे भी जारी रहेगी बुलडोजर कार्रवाई
एडिशनल AG दीपक सबरवाल बीती 11 अगस्त को हुई कार्रवाई के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए थे. उन्होंने कहा कि नूंह में बुलडोजर की कार्रवाई नियमों के तहत हुई है. नूंह और गुरुग्राम में बुलडोजर की कार्रवाई सरकार आगे भी जारी रखेगी. क्योंकि बुलडोजर की कार्रवाई के दौरान धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया गया. आपको बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने नूंह हिंसा से संबंधित अधिकारियों से हलफनामा भी मांगा गया है. उनसे पूछा गया है कि नूंह हिंसा के 2 हफ्ते बाद गुरुग्राम और मेवात कितनी इमारतें तोड़ी गई. उनसे यह भी पूछा गया कि बुलडोजर कार्रवाई से पहले उन्हें नोटिस दिया गया था या नहीं.
57 एकड़ जमीन पर चला बुलडोजर
31 जुलाई को नूंह हिंसा के बाद नूंह और गुरुग्राम क्षेत्र में सरकार की ओर से 57 एकड़ से ज्यादा भूमि पर बुलडोजर चलाया गया था. सरकार की ओर से अवैध अतिक्रमण हटाए जाने का दावा किया गया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा था. 31 जुलाई को मुस्लिम बहुल नूंह जिले में विश्व हिंदू परिषद की धार्मिक यात्रा को रोकने की कोशिश की गई थी. जिसके बाद नूंह, सोहना और गुरुग्राम में झड़प की घटनाएं सामने आईं. इस दौरान छह लोगों की मौत भी हो गई थी, मरने वालों में दो होम गार्ड जवान, एक मौलवी सहित 6 लोग शामिल थे.