Parliament Monsoon Session : संसद में विपक्ष की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जोकि आज ध्वनिमत से गिर गया. अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में जवाब दिया और कांग्रेस को जमकर लताड़ा है. इस दौरान विपक्ष के सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया, लेकिन इसके बाद भी पीएम मोदी नहीं रुके और लगातार बोलते रहे हैं. उन्होंने मणिपुर के लिए कहा कि देश भरोसा रखे, मणिपुर में करीबी भविष्य में जरूर शांति का सूरज उगेगा. इसके बाद मोदी सरकार के मंत्रियों और नेताओं ने पीएम मोदी के संबोधन की प्रशंसा की और वॉकआउट पर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है.
लोकसभा से निकले के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने शानदार भाषण दिया. मुझे लगता है कि उन्होंने उन सभी सवालों का संक्षिप्त जवाब दिया, जो उन्होंने (विपक्ष ने) उठाए थे. विपक्ष ने लोकतंत्र की मर्यादा का पालन नहीं किया.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जिनका लक्ष्य देश का विकास करना नहीं बल्कि देश के विकास की तिजोरी को लूटना है, वो पीएम मोदी की बात नहीं सुनना चाहेंगे. वे देश के विकास को पचा नहीं पा रहे हैं, आंतरिक सुरक्षा संबंधित अमित शाह के बयान को वे नहीं पचा पा रहे हैं, वे इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि देश की जनता ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया है.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि विपक्ष की एक ही सोच और विचारधारा है. उनके लिए देश महत्वपूर्ण नहीं है. विपक्ष के लिए सिर्फ पार्टी और खुद का महत्व है. जो अविश्वास प्रस्ताव वे लेकर आए थे वे जनता का अविश्वास विपक्ष के प्रति है वे आज सदन में साबित हो गया.
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का कहना है कि हमारे विपक्ष के साथियों का लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है. वे अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं, अपनी बात कहते हैं लेकिन प्रधानमंत्री की बात को सुनने का धैर्य उनमें नहीं था. यह पूरे देश ने देखा है कि इनके लिए शासन, सत्ता सर्वोपरि है. अगर वे प्रधानमंत्री को सुनने का धैर्य नहीं दिखा सकते तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष ने वॉकआउट किया, जो अच्छा नहीं है. वे अविश्वास प्रस्ताव लाए थे और वे (विपक्ष) चाहते थे कि अंत तक उनकी (प्रधानमंत्री) बात सुनी जाए, लेकिन वे सदन से बाहर चले गए. अविश्वास प्रस्ताव गिरने वाला था, क्योंकि वे जानते थे कि हमारे (NDA) के पास बहुमत है और इसलिए, वे बाहर चले गए.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस के हाथ खून से सनी हुई है. ये (विपक्ष) लोकतंत्र, प्रजातंत्र के हत्यारे हैं, जनता का हत्यारा है… उनके पास कोई जवाब नहीं था, वे क्या करते?
BJD सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि हमने (अविश्वास) प्रस्ताव गिराने के पक्ष में मतदान किया था तो प्रस्ताव गिरना ही था. उनको पता है कि उनके पास संख्या नहीं है तो मतदान कराने का कोई मतलब नहीं है.