संभवत: भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ऐसा करने वाली देश की पहली सरकार
नकारा हो चुके एचएसएससी के फैसले से 60 हजार से अधिक युवाओं का भविष्य दांव पर
चंडीगढ़, 4 अगस्त। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री और छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जो बिना एडमिट कार्ड के ही नौकरी के लिए परीक्षा लेगा। यह फैसला हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने वेबसाइट हैक होने की बात कह कर लिया है। इसी के साथ ही भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार देश में ऐसा करने वाली पहली सरकार बन जाएगी, जो बिना एडमिट कार्ड के ही परीक्षा लेगी। एचएसएससी के इस फैसले से 60 हजार से अधिक युवाओं का भविष्य दांव पर लग गया है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि एचएसएससी भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष रूप से संचालित करने का अपना विश्वास युवाओं के बीच पूरी तरह खो चुका है। पेपर लीक के न जाने कितने ही मामले सामने आ चुके हैं, जबकि नौकरियां बेचने से लेकर स्टाफ की मिलीभगत तक की एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। कितनी ही भर्तियों को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट निरस्त कर चुका है। ऐसे में शंका पैदा होती है कि कहीं वेबसाइट हैक की आड़ में एचएसएससी और सरकार सिर्फ अपने चहेतों को ही भर्ती करने की कोशिश में तो नहीं कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी भी भर्ती आयोग को आज तक बिना एडमिट कार्ड के कोई भी परीक्षा लेते हुए नहीं देखा गया है और न कभी ऐसा सुना है। उन्होंने कहा कि एचएसएससी ऐसा करने पर क्यों आमादा है, यह समझ से परे है। जबकि, इन दिनों फरीदाबाद, पलवल, नूंह व गुडग़ांव जिले के अधिकतर हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। स्क्रीनिंग टेस्ट को पोस्टपोन न करने की एचएसएससी की जिद कुछ और ही ईशारा कर रही है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि जिस तरह से कैटेगरी नंबर 56 व 57 का स्क्रीनिंग टेस्ट लेने की जल्दबाजी दिखाई जा रही है, उससे लगता है कि सरकार एक बहुत बड़े नौकरी घोटाले को अंजाम देने की व्यूह रचना रची चुकी है। पेपर 05 और 06 अगस्त को होना है, जबकि इसके एडमिट कार्ड 04 अगस्त तक भी डाउनलोड नहीं हो सके। ऐसे में लगता है कि एचएसएससी सिर्फ सरकार के ईशारे पर नौकरियों की बंदरबांट करने के लिए ऐसा कर रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कितने शर्म की बात है कि वैबसाइट हैक होने की दुहाई देने वाले आयोग ने अभी तक इस सिलसिले में पुलिस को शिकायत तक नहीं दी है, जबकि स्क्रीनिंग टेस्ट पूर्व निर्धारित समय पर लेने की बात पर अड़ा है। इससे साफ है कि आयोग की नीयत साफ नहीं है, उसकी नीयत में कही न कही खोट जरूर है। उन्होंने कहा कि एक ओर अभी तक प्रदेश में शांति स्थापित नहीं हो पाई है तो दूसरी ओर सरकार इस तरह की परीक्षा लेने जा रही है। ऐसा कर सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।