चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज यहां कहा कि भाजपा सरकार द्वारा जाट, जट्ट सिख, मूला जाट, बिश्नोई, रोड और त्यागी छ: जातियों को बीसी (सी) में शामिल करके सरकारी नौकरियों में भर्ती और शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए दिए गए आरक्षण के लाभ पर माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अंतरिम रोक लगाने के एक तरफा फैसले के खिलाफ कानूनी कदम उठाने में सरकार 21 जुलाई तक का इंतजार नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस रोक के विरूद्ध शीघ्र-अतिशीघ्र उच्च न्यायालय के समक्ष जाएगी और रोक को हटवाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा कि ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ तथा ‘सबका साथ-सबका विकास’ की अवधारणा पर चलते हुए भाजपा सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। जाट, जट्ट सिख, मूला जाट, बिश्नोई, रोड और त्यागी छ: जातियों को संविधान के दायरे में रहते हुए आरक्षण का लाभ दिया। हरियाणा विधानसभा से विधेयक पारित करवाया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के 24 वर्षों के बाद एक स्थाई संस्था के रूप में स्थापित करने के लिए अलग कानून बनाया है।
उन्होंने कहा कि यदि पिछली सरकार इन जातियों को कानूनी ढंग से आरक्षण का लाभ देती तो यह मामला कोर्ट-कचहरियों की पेचेदगी में नहीं फंसता।