चंडीगढ़ : हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने लू-लगने (हीट स्ट्रोक) के मरीजों की समुचित देखभाल के लिए सभी सिविल सर्जनस को निर्देश जारी किये हैं ताकि ऐसे मरीजों को समय पर उपचार उपलब्ध करवाया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के अनेक भागों में गर्मी और लू के बढ़ते प्रकोप से बचाने के लिए सिविल सर्जनस को जिलों के अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में आपातकालिन सुविधाओं की चुस्त-दुरूस्त रखने को कहा गया है। इस संबंध में सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में पंखों, कुलर व एयर कंडीश्नर (एसी) के क्रियाशील बनाए रखने के लिए निर्बाध रूप से 24 घंटे बिजली की व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही लू से बचने के लिए सभी सावधानियां की जानकारी लोगों तक पहुंचाने को कहा गया है।
श्री विज ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने लू लगने से बचने के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’, के बारे में एडवाईजरी जारी की है ताकि इसकी जानकारी से लोग स्वयं को लू के प्रकोप से बचा सकें।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉॅ. कमला सिंह ने बताया कि लू से बचने के लिए प्यास न होने पर भी बार-बार पर्याप्त मात्रा में पानी पीना तथा यात्रा के दौरान भी व्यक्ति को अपने साथ पानी रखना चाहिए। इसके साथ ही हल्के वजन और हल्के रंग के ढीले एवं सूती वस्त्र पहनने चाहिए और गर्मी में बाहर जाते समय गोगलज़, छतरी / टोपी, जूते या चप्पल इत्यादि का प्रयोग करना चाहिए। बाहर खुले में कार्य करते समय टोपी या छतरी का उपयोग करना चाहिए तथा अपने सिर, गर्दन, चेहरे और बाजुओं को गीले कपड़े से ढक़ कर रखना चाहिए। बेहोशी होने या बीमार महसूस करने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
डॉ. सिंह ने बताया कि ओआरएस तथा तोरनी (चावलों का पानी), नींबू पानी, लस्सी जैसे घर में बने पेय पदार्थों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार के पदार्थ शरीर को रि-हाईड्रेट करने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में अपने घरों को ठण्डा रखने के लिए पर्दों, शटर या सनशेड का इस्तेमाल किया जाना चाहिए तथा रात में खिड़कियां खुली होनी चाहिए तथा बार-बार ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, मवेशियों को भी छांए में रखा जाना चाहिए तथा उन्हें पीने के लिए पर्याप्त पानी दिया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि लू से बचने के लिए विशेष रूप से दोपहर 12 से 3 बजे तक बाहर निकलने और बाहर काम करने से परहेज करना चाहिए। अधिक तापमान होने पर श्रमसाध्य गतिविधियां नहीं करनी चाहिए। उच्च-प्रोटीन वाला तथा बासी भोजन नहीं खाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटिड सॉफ्ट ड्रिंक से परहेज किया जाना चाहिए, जो शरीर को डि-हाइडे्रट करती हैं। इसके अतिरिक्त, बच्चों एवं जानवरों को खड़े वाहनों में अकेले नहीं छोड़ा जाना चाहिए।