चंडीगढ : डयूटी में कौताही बरतने को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सीएम विंडो पर प्राप्त शिकायतों के समाधान में कोताही बरतने पर विभिन्न विभागों के सात अधिकारियों और कर्मचारियों को निलम्बित करने के साथ ही उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने सोनीपत और पलवल के उपायुक्तों को सीएम विंडो पर शिकायतों के समाधान में देरी करने के कारणों को स्पष्ट करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव, डॉ. राकेश गुप्ता ने आज यहां ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली ‘सीएम विंडो’ की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करने उपरांत यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) नामत: श्री भूपेश्वर दयाल और श्री नीरज दफतौर भी उपस्थित थे।
श्री गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सीएम विंडो पर प्राप्त शिकायतों के समाधान पर उच्चतर शिक्षा, मौलिक शिक्षा और नगर एवं ग्राम आयोजना सहित विभिन्न विभागों द्वारा की गई प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया है। दूसरी तरफ उन्होंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) और बिजली विभाग द्वारा इस क्षेत्र में किये गए उनके अनुकरणीय कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि गुडग़ांव से एक शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री को बिजली विभाग द्वारा उनकी शिकायत के समाधान के लिए उठाए गए कदमों के लिए आभार व्यक्त करते हुए एक पत्र भी भेजा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं सीएम विंडो की निगरानी कर रहे हैं और जो अपने कर्तव्य में लापरवाही करता पाया जाएगा, उससे दृढ़ता से निपटा जाएगा।
अतिरिक्त प्रधान सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के सात अधिकारियों और कर्मचारियों को निलम्बित करने के आदेश दिए हैं। इनमें तत्कालीन तहसीलदार पलवल, श्याम लाल और गिरदावर जय प्रकाश, उप-श्रम आयुक्त, पानीपत, धर्मपाल, तत्कालीन उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम, बेरी के कार्यकारी अभियंता, निदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग कार्यालय के अधीक्षक सिद्धार्थ गिल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, असंध में तैनात चिकित्सा अधिकारी, डॉ० सीमा और तत्कालीन खण्ड विकास पंचायत अधिकारी, राई अब सोनीपत में तैनात जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, राम सिंह शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि आवेदक को परेशान करने और मई, 2015 से लंबित निशानदेही रिपोर्ट जमा न करने के लिए तत्कालीन तहसीलदार पलवल और गिरदावर के विरूद्ध कार्यवाही की गई है, पानीपत के उप-श्रम आयुक्त को प्रोफोर्मा आदेश तैयार करने का दोषी पाया गया है और इसके अलावा इनमें से किसी भी रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किये गए। बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद उप-श्रम आयुक्त के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया। इसी प्रकार, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम, बेरी के तत्कालीन कार्यकारी अभियंता को शिकायत पर कार्यवाही न करने के आरोप में निलम्बित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला जिला उपभोक्ता विवाद निवारण मंच, झज्जर के समक्ष विचाराधीन है।
उन्होंने कहा कि निदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग कार्यालय के अधीक्षक को विभाग की शिकायतों पर कार्यवाही न करने के आरोप में, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, असंध में तैनात चिकित्सा अधिकारी को ई-मेल, पंजीकृत डाक के माध्यम से और यहां तक की दूरभाष पर भी बार-बार जांच में शामिल होने के लिए बुलाए जाने के बावजूद शिकायत की जांच प्रक्रिया में सहयोग न करने के लिए निलम्बित किया गया है। इसी प्रकार, तत्कालीन खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, राई और अब जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, सोनीपत के रूप में तैनात अधिकारी को इस जिले के गांव गढ़ी बाला के सरपंच, जो निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग करने में संलिप्त पाया गया था, के विरूद्ध उचित कार्यवाही न करने के लिए निलम्बित किया गया है।