Politics over Flood: हरियाणा और दिल्ली में बाढ़ को लेकर सियासत गरमाई हुई है. दिल्ली बीजेपी के बाद अब हरियाणा बीजेपी के नेता भी केजरीवाल सरकार पर निशाना साध रहे है.
Haryana News: दिल्ली में बाढ़ को लेकर वार प्रत्यारोप का दौर जारी है. एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में बाढ़ के लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदारी ठहरा रहे है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के नेता आप सरकार को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे है. जिसको लेकर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है. इसी बीच हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल का भी बयान सामने आया है. उन्होंने दिल्ली में बाढ़ की वजह अवैध कब्जों को बताया है. कृषि मंत्री ने कहा दिल्ली को डुबोने में सबसे ज्यादा योगदान अवैध कब्जों का है.
‘AAP अपनी जिम्मेदारी से बचती है’
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता बेतूकी बात करते है. इनकी राजनीति ही झूठी है. आम आदमी पार्टी अपनी जिम्मेदारी से बच रही है. मंत्री जेपी दलाल ने कहा हमारे पास कोई बांध नहीं है तो जो पानी आता है वो दिल्ली, आगरा, इलाहाबाद से होते हुए आखिर में समुद्र में जाता है. इसे कौन मोड़ सकता है. अब ये (आप) लोग बोल रहे हैं कि पानी को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की तरफ नहीं भेजा.आम आदमी पार्टी अपने कर्तव्यों से बचने की कोशिश करती है. दिल्ली को डूबाने में जितना योगदान अवैध कब्जों का है, उतना किसी और का नहीं है.
मंत्री कंवर पाल की भी आई थी प्रतिक्रिया
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा यमुना में पानी छोड़े जाने को लेकर जब हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी तो खट्टर सरकार के मंत्री कंवर पाल की भी प्रतिक्रिया सामने आई उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज कोई डैम नहीं है जिसमें हम पानी को रोक सके. इसकी भी एक सीमा है. पीछे से आ रहे पानी को स्टोर करने के लिए हथिनीकुंड बैराज बनाया गया था. इसमें कुछ समय के लिए पानी को रोका जा सकता है लेकिन लगातार पानी रोक पाने के लिए हथिनीकुंड बैराज सक्षम नहीं. यदि तय सीमा से ज्यादा पानी बैराज में रखा जाता है तो बड़ा नुकसान हो सकता है.
‘केजरीवाल के सपने में हरियाणा आता है’
वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली सीएम केजरीवाल द्वारा हरियाणा सरकार पर लगाए आरोपों को लेकर कहा था कि जब केजरीवाल के पास कोई जवाब नहीं होता तो उनके सपने में हरियाणा आता है चाहे फिर पानी का मुद्दा हो, या प्रदूषण का या फिर कोई और बात. बाढ़ को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.