नेपाल में बंदरों के हमले बढ़ रहे हैं. एक बंदर ने यहां पर शराब के नशे में धुत होकर तीन महीने के भीतर 4000 लोगों को अपना शिकार बना लिया.
बंदरों को लेकर माना जाता है कि वे कई बार इंसानों की तरह हरकतें करने लगते हैं. हमने देखा है कि कुछ लोग किस तरह से शराब के नशे में डूबने के बाद उत्पात मचाते हैं. ऐसा ही कुछ शराब पीने के बाद एक बंदर ने किया है. नशे में धुत बंदर ने कुछ महीनों के भीतर हजारों लोगों पर हमला किया. ये मामला नेपाल की राजधानी काठमांडू में सामने आया है. बंदर के हमले की वजह से लोगों को काफी चोटें भी आई हैं.
काठमांडू के शुक्रराज ट्रॉपिकल एंड इंफेक्शियस डिजीज हॉस्पिटल (STIDH) में इन दिनों उन लोगों का इलाज चल रहा है, जिन पर बंदर ने हमला किया. हमले का शिकार बनने वाले लोगों में एक नौ साल का बच्चा भी शामिल है. काठमांडू पोस्ट से बात करते हुए हमले के शिकार हुए एक लड़के के पिता ने बताया कि पिछले दो से तीन महीनों में सिर्फ एक बंदर ने 4000 लोगों पर हमला किया है.
शराब की लत में धुत होकर कर रहा हमला
दरअसल, बताया जा रहा है कि लोगों पर हमला करने वाला बंदर आस-पास मौजूद दुकानों पर जाया करता था. वहां शराब पी रहे लोगों के साथ इसने भी शराब पीना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने एक गिलास में शराब भरकर बंदर को पिलाना शुरू किया और अब नतीजा सभी के सामने हैं. लोगों ने बताया कि वह बहुत ज्यादा शराब पीने के बाद हमलावर हो गया और उसने अब बच्चों तक को काटना शुरू कर दिया है.
जुलाई-अगस्त में सबसे ज्यादा बंदरों का हमला
STIDH के डाटा के मुताबिक, नेपाल में कुत्तों के काटे जाने के बाद बंदरों द्वारा काटा जाना किसी जानवर के जरिए काटे जाने के मामले में दूसरे नंबर पर है. पिछले 14 सालों के रिकॉर्ड्स को खंगालने से मालूम पड़ता है कि नेपाल में जुलाई और अगस्त ऐसे महीनों में शामिल हैं, जहां बंदरों द्वारा काटे जाने के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं. इसका मतलब है कि बंदर इन महीनों में ज्यादा हमलावर हो जाते हैं.
बंदरों के काटे जाने के अधिकतर मामले मंदिरों के बाहर सामने आते हैं, जिन्हें वे अपना घर मानते हैं. इन्हीं में से एक मंदिर बौद्ध मंदिर स्वयंभूनाथ हैं, जहां कई मामले सामने आए हैं. डॉक्टरों को डर है कि इन बंदरों के काटे जाने से संक्रमण के मामले सामने आ सकते हैं. इसकी वजह ये है कि ये बंदर लोगों को रेबीज का शिकार बना सकते हैं.