पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बुधवार को मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष आवेदन दायर कर भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की 71 करोड़ रुपये की संपत्ति की बहाली की मांग की। नीरव मोदी पर बैंक से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
पीएनबी ने अदालत से बकाया राशि का एक हिस्सा वसूलने के लिए जांच एजेंसियों द्वारा जब्त की गई संपत्तियों को बहाल करने का आग्रह किया है।
नीरव मोदी को दिसंबर 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था।
आरोप है कि नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी ने क्रेडिट सुविधाओं के जरिए पीएनबी से 14,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। घोटाला सामने आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत नीरव और उसके परिजनों को संपत्ति को कुर्क कर लिया था।
बैंक ने अपनी याचिका में कहा है कि पीएनबी कंसोर्टियम और यूबीआई कंसोर्टियम ने हमेशा सामान्य बैंकिंग गतिविधियों में अच्छे विश्वास के साथ अपना कारोबार किया है और जब उन्होंने नीरव मोदी कंपनियों को कर्ज दिया था तो बैंक धोखाधड़ी से अनजान था। बैंक ने कहा, वर्तमान में सिर्फ 1,066.41 करोड़ रुपये की संपत्तियों को पीएमएलए के तहत कुर्की से मुक्त किया गया है, जिसका मूल्य बैंक को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अपर्याप्त है। याचिका में कहा गया है कि दावेदार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं, वसूल की जाने वाली राशि सार्वजनिक धन है।
आवेदन में कहा गया है कि ईडी द्वारा कुर्क की गई कुछ संपत्तियां बाजार में उतार-चढ़ाव के अधीन हैं और उन्हें बेचने में किसी भी देरी से कीमत कम हो सकती है। इसलिए, संपत्तियों का अधिक मूल्य पाने के लिए उन्हें तुरंत बेचने की आवश्यकता है।
नीरव मोदी की जब्त की गई कुछ संपत्तियों में फायरस्टार डायमंड लिमिटेड के 35.52 लाख रुपये के आभूषण और बेंटले सहित आठ कारें शामिल हैं। बहाली की जाने वाली संपत्तियों का कुल मूल्य 71.16 करोड़ रुपये है। पीएनबी की याचिका पर अदालत ने अभियोजन पक्ष से 25 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा।