केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल बढ़ाने वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जता रहे विपक्षी नेताओं पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि वे विभिन्न कारणों से भ्रमित हो रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि ये महत्वपूर्ण नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का निदेशक कौन है, क्योकि जो कोई भी इस पद पर होगा, वो विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले परिवारवादियों के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर नजर बनाए रखेगा। साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम 2021 में संशोधन को बरकरार रखा है, जिसके तहत सरकार सीबीआई और ईडी प्रमुखों को अधिकतम पांच साल का कार्यकाल दे सकती है।
इसके साथ ही गृहमंत्री ने कहा कि भ्रष्ट और कानून के गलत पक्ष पर काम करने वालों पर कार्रवाई करने की ईडी की शक्तियां वही रहेंगी। केंद्रीय जांच एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के अपराधों की जांच करने के लिए किसी व्यक्ति विशेष से परे है और ये अपने मुख्य उद्देश्य को प्राप्त करने के प्रति लक्षित है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार को अवैध करार बताते हुए उनका विस्तारित कार्यकाल घटाकर 31 जुलाई कर दिया। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस साल वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की समीक्षा को ध्यान में रखते हुए मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई तक रहेगा।
इसी मामले पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने मेरे द्वारा दायर की गई याचिका में ED डायरेक्टर के दोनों सेवा विस्तार को अवैध व असंविधानिक करार दिया, ED डायरेक्टर को हटने के आदेश जारी कर दिए व आदेश दिया कि ED डायरेक्टर 31 जुलाई तक पदमुक्त हो जाएं। आगे उन्होंने लिखा कि ये सत्य व न्याय की जीत है। यह इस बात का प्रमाण भी है कि राजनीतिक बदले की भावना में जलती मोदी सरकार ने ED का दुरुपयोग केवल विरोधियों को प्रताड़ित करने व भाजपा के राजनीतिक हित साधने के लिए किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने साबित कर दिया कि मोदी सरकार संविधान और कानून को ताक पर रखकर , दिनदहाड़े लोकतंत्र का गला घोटने में जुटी है।