मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले से जुड़े भूमि आधिपत्य विवाद में सुप्रीम कोर्ट पहुंची शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को दी चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मस्थान के मामले में मथुरा में चल रहे सभी मामलों को अपने पास ट्रांसफर कर लिया था.
हाईकोर्ट ने कहा था इससे संबंधित सभी मुकदमे अब हाईकोर्ट में चलेंगे. श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में शाही ईदगाह मस्जिद कमिटी इंतजामिया ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. याचिका में 26 मई को जारी हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की.
याचिका में हाईकोर्ट के फैसले को कहा गया गलत
हाईकोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में मथुरा की निचली अदालत में चल रहे सभी मामलों को अपने पास ट्रांसफर कर लिया था. तब हाईकोर्ट ने कहा था इससे संबंधित सभी मुकदमे अब हाईकोर्ट में चलेंगे. हिंदू पक्ष ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहले ही केवियट याचिका दाखिल कर रखी है. याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट का फैसला तथ्यों और कानून के आधार पर सही नही है. इतना ही नहीं याचिकाकर्ता के अपील के वैधानिक अधिकार को नकार देता है क्योंकि यह मुकदमे के दो अपीलीय चरणों को छीन लेता है.
हिंदू पक्ष ने दायर की है कैविएट याचिका
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर की है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर कैविएट याचिका दाखिल की गई है. इसमें अपील की गई है कि हिंदू पक्ष को सुने बिना कोई भी आदेश पारित न करने की अपील की है.
हाई कोर्ट में होगी सभी मामलों की सुनवाई
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा की निचली अदालत में चल रहे सभी मामलों को अपने पास मंगवाने का फैसला किया था. इस फैसले को लेकर एक अर्जी हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी. इसमें कहा गया था कि मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि मामला राष्ट्रीय महत्व का है. इसे देखते हुए सुनवाई हाईकोर्ट द्वारा की जानी चाहिए. इसके बाद हाई कोर्ट ने इससे जुड़े सभी मामलों पर खुद सुनवाई का फैसला लिया था. अलग-अलग कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर किसी एक कोर्ट में ही सुनवाई की मांग की गई थी.
क्या है पूरा विवाद
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद काफी पुराना है. विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है. 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता किया था. इस समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी. बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है और 2.5 एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है.
अलग-अलग अदालतों में 13 मुकदमे याचिका में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही मस्जिद ईदगाह के बीच वर्ष 1968 में हुए समझौते को भी चुनौती दी गई है. सिविल जज सीनियर डिवीजन तृतीय सोनिका वर्मा की अदालत ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस दिया. बता दें कि मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद 1991 के पूजा स्थल अधिनियम के दायरे में आती है.
इस कानून के अनुसार, “किसी भी पूजा स्थल के रूपांतरण पर रोक लगाने और किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को बनाए रखने के लिए, जैसा कि अगस्त 1947 के 15 वें दिन मौजूद था, और उससे जुड़े या प्रासंगिक मामलों के लिए यह अधिनियम लाया गया है.” इस मामले में अब तक 13 मुकदमे अलग-अलग अदालतों में दाखिल हुए थे, जिनमें दो मुकदमे खारिज भी हो चुके हैं