राजस्थान के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत को दिल्ली की एक अदालत ने तलब कर लिया है। दिल्ली की राउज ऐवेन्यू अदालत ने गहलोत को शुक्रवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाल ही में गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। गहलोत ने उनपर कथित संजीवनी घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाए थे जिस पर केंद्रीय मंत्री ने अदालत का रुख किया।
शेखावत ने अदालत के सामने मीडिया में गहलोत के बयान समेत अन्य साक्ष्य पेश किए। अडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरप्रीत सिंह ने अशोक गहलोत के खिलाफ साक्ष्यों को पहली नजर में सही मानते हुए पेश होने के लिए कहा। गहलोत एक दिन बाद यानी शुक्रवार को ही अदालत में मौजूद रहने को कहा गया है। यह मामला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा हजारों निवेशकों को कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये का चूना लगाने से संबंधित है।
इसी साल मार्च में शेखावत ने गहलोत के खिलाफ दिल्ली की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। शेखावत ने कहा था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ उनके चरित्र का हनन किया बल्कि उनकी दिवंगत मां को भी आरोप करार दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 21 फरवरी को आरोप लगाया था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत के माता-पिता और पत्नी समेत पूरा परिवार शामिल है। गहलोत और गजेंद्र के बीच लंबे समय से आरोप-प्रत्यारो चलते रहे हैं। गहलोत केंद्रीय मंत्री पर उनकी सरकार गिराने की कोशिश का भी आरोप लगाते रहे हैं।